
नई दिल्ली: काकेकस इलाके के दो देशों आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच विवादित क्षेत्र नागोरनो-काराबाख को लेकर शुरू हुआ भीषण युद्ध दूसरे दिन सोमवार को भी जारी रहा. दोनो ही देश एक-दूसरे पर हमले का आरोप लगा रहा हैं. कही टोपों और हेलिकॉप्टर से घातक हमले करने का आरोप लगाया है.
दोनो देशों के बीच जंग में बताया जा रहा हैं कि इस जंग में 80लोगों की मौत और सैंकड़ों लोग घायल हैं.और यह जंग तेज होने लगी हैं. वहां वैसे वैसे रूस और नाटो देश के तुर्की के इसमें कूदने का खतरा पैदा हो गया है. बता दें कि अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि आर्मीनियाई बलों ने सोमवार सुबह टारटार शहर पर गोलाबारी शुरू कर दी. वहीं दूसरी ओर आर्मीनिया के अधिकारियों ने कहा हैं कि लड़ाई रातभर जारी रही और सुबह होते ही अजरबैजान ने घातक हमले शुरू कर दिए. दोनो देशों की ओर से एक-दूसरे पर टैंक, तोपों, ड्रोन और फाइटर जेट से हमले किए जा हरे हैं.
इस बात की जानकारी अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने इंटरफैक्स एजेसी को सोमवार को दी. जिसमें बताया कि लड़ाई में आर्मीनिया के 550से अधिक सैनिक मारे गए हैं. और फिर वहीं इस बीच आर्मीनिया के अधिकारियों ने इस दावे को खारिज किया है. और यह दावा किया कि अजरबैजान के चार हेलिकॉप्टरों को मार गिराया गया. और जिस इलाके में लड़ाई शुरु हुई वह अजरबैजान के तहत आता है. लेकिन यहां पर 1994से ही आर्मीनिया द्वारा समर्थित बलों का कब्जा है. और यही जंग संकट को देखते हुए अजरबैजान के कुछ क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाया गया हैं और साथ ही कुछ क्षेत्रों के प्रमुख शहरों में कर्फ्यू के आदेश भी दिए गए हैं.
दोनो देशों के बीच बढ़ती जंग को देखते हुए रूस और तुर्की के इसमें कूदने का खतरा मंडराने लगा है. रूस जहां आर्मीनिया का समर्थन कर रहा है, वहीं अजरबैजान के साथ नाटो देश तुर्की और इजरायल है.रिपोर्ट के अनुसार आर्मेनिया और रूस में रक्षा संधि है और अगर अजरबैजान के ये हमले आर्मेनिया की सरजमीं पर होते हैं तो रूस को मोर्चा संभालने के लिए आना पड़ सकता है.
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