अमेरिका और भारत के बीच हुई बड़ी डील, जानें कैसे होगा इस खास समझौते से देश का फायदा

India US LPG Deal: ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के बाद भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में जो खटास आई थी वह अब धीरे-धीरे कम होती नजर आ रही है। बता दें कि यूएस के साथ ट्रेड डील की उम्मीदों के बीच भारत ने पहली बार अमेरिका के साथ लंबे समय तक एलपीजी आयात के लिए एक बड़ी समझौता-डील की है। सरकार का कहना है कि इस तरह के समझौते से देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाने का मौका मिलेगा।
भारत के ऊर्जा सुरक्षा को मिलेगी मजबूती
इस समझौते को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार, 17 नवंबर को इसे एक ऐतिहासिक डील बताते हुए कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती एलपीजी मार्केट- भारत ने औपचारिक रूप से अमेरिका के लिए अपना बाजार खोल दिया। उन्होंने कहा कि देश के लोगों को किफायती दाम पर एलपीजी उपलब्ध कराना और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है। इसी दिशा में आपूर्ति के स्रोतों में विविधिकरण लाया जा रहा है और ये समझौता उस दिशा में एक बड़ा कदम है।
कितने समय के लिए हुआ समझौता
इसके अलावा पुरी ने कहा कि साल 2026 में सरकारी तेल कंपनियों ने एक साल के लिए लगभग 2.2 मिलियन टन एलपीजी गैस आयात पर ये समझौता किया है। ये भारत की तरफ से आयात होने वाली कुल एलपीजी गैस का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है, जो देश का महत्वपूर्ण ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में काम करती है।
भारत में एलपीजी की मांग
भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता है, जहां पर घरेलू मांग में लगातार तेजी के बीच उज्ज्वला योजना की वजर से भी इसके आपूर्ति बढ़ाई गई है। इस योजना के तहत कम आय वाले परिवारों को सब्सिडी रेट पर एलपीजी कनेक्शंस दिए जाते हैं। इस समय भारत एलपीजी की कुल जरूरतों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है, जिनमें से ज्यादार पश्चिमी एशियाई मार्केट से गैस की आपूर्ति की जाती है।
Leave a comment