United Nation Update: अमेरिका और चीन में कोरोना पर बढ़ी और तकरार, संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने एकजुट रहने का आह्वान किया

United Nation Update: अमेरिका और चीन में कोरोना पर बढ़ी और तकरार, संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने एकजुट रहने का आह्वान किया

वाशिंगटन:  कोरोना की विश्वव्यापी समस्या से आज आधी से अधिक दुनिया जूझ रही है. खासकर अमेरिका और चीन में इस संकट को लेकर तकरार और तेज होती जा रही है. दरअसल चीन के एक शहर से शुरू हुई यह समस्या आज विश्वव्यापी बन चुकी है. खासकर अमेरिका इस समय इससे बुरी तरह से कराह रहा है और यहां मरने वालों का आंकड़ा 10000 तक पहुंचने वाला है. हाल ही में अमेरिका इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगइन से भी नाराज बताया जा रहा है.
 
फिलहाल कोरोना वायरस महासंकट के समाधान को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद ने बैठक भी की लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. इस बैठक के दौरान कोरोना से जूझते अमेरिका और चीन के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. हालांकि दोनों देशों के बीच बहस के बाद संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस को हस्‍तक्षेप करना पड़ा और उन्‍होंने सभी देशों से एकजुट रहने का आह्वान किया.
 
 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पहली बैठक
 
बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिका ने इसी मसले पर अपना हमलावर रुख बरकरार रखा और अमेरिका के राजदूत ने मांग की कि इस वायरस की कहां पर उत्‍पत्ति हुई, इसकी जांच की जाए. साथ ही अमेरिका ने यह भी मांग की कि हेल्‍थ डेटा को सही समय पर शेयर किया जाए. अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा है कि अमेरिका ने आज इस बात पर जोर दिया कि पब्लिक हेल्‍थ डेटा और सूचना की अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से पारदर्शी तरीके से सही समय पर शेयरिंग की जाए. इसीलिए विवाद बढ़ता देख संयुक्‍त राष्‍ट्र महा़सचिव एंतोनियो गुतारेस को आगे आना पड़ा.
 
उन्‍होंने सुरक्षा परिषद से कोविड-19 महामारी से निपटने में एकजुट रहने का आह्वान किया. उन्होंने इसे ‘एक पीढ़ी की लड़ाई’ करार दिया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोरोना वायरस पर पहली बैठक में सुरक्षा परिषद से अपील करते हुए कहा कि इस मुश्किल समय में परिषद का एकजुट होकर इससे निपटने के लिए संकल्प लेना बहुत महत्वपूर्ण है. 
 
 
दरअसल लंबे समय के इंतजार के बाद संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की गुरुवार को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई. सभी देशों को उम्‍मीद थी कि इस महामारी से निपटने के लिए बैठक से कुछ ठोस नतीजा निकलकर सामने आएगा. हालांकि ऐसा नहीं हो सका और संयुक्‍त राष्‍ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने कहा कि उनके देश को इस महमारी के लिए बलि का बकरा न बनाया जाए. उन्‍होंने कहा कि इस महासंकट से निपटने के लिए वैश्विक एकजुटता की जरूरत है.
 
दरअसल सच ये है कि कोरोना वायरस को लेकर चीन की भूमिका पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं. इसलिए उसकी दुनियाभर में आलोचना हो रही है. चीन पर सूचनाओं को छिपाने का आरोप लग रहा है और इसीलिए अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप खासे नाराज हैं. दरअसल कोरोना की वजह से दोनों देश पहले एक दूसरे पर आरोप मढ़ते रहे हैं लेकिन अब चीन की हकीकत सामने आने के बाद सब चीन को ही दोष दे रहे हैं

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