
Gave birth to a girl child in the debris: तुर्की और सीरिया में लोगों की तलाश जारी है। हालांकि, वो लोग जिंदा है या फिर अपनी जिंदगी की जंग मलबे के नीचे ही हार चुके है इसका कुछ पता नहीं। अब तक दोनों देशों में 8 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जिसमें बच्चे भी शामिल है। तबाही वाले आए इन भूकंपों ने सैंकड़ों परिवारों को खत्म कर दिया है। किसी के परिवार से केवल एक बच्चा बच जिंदा है तो किसी की परिवार से केवल एक व्यक्ति है लेकिन वो भी गंभीर रूप से घायल। वो अपना आगे का जीवन कैसे जिएंगे। इसके बारे में भी कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन जिसने भी इन भूकंपों के बारे मे सुना वो ही भगवान से प्रार्थना कर रहे है कि ज्यादा से ज्यादा तुर्की और सीरिया के लोगों को बचाया जा सकें।
भूकंप में सैंकड़ों परिवार खत्म
तुर्की और सीरिया की मदद के लिए भारत भी आगे आया है। उनके लिए एनडीआरएफ की दो टीमें भेजी है। साथ ही जरूरी सामान के साथ मेडिकल सुविधा भी भेजी है। लेकिन भूकंप तुर्की में रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। 3 दिन में 3-4 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके है। यानी एक भूकंप के जो तबाही हुई थी उसे समेटा नहीं कि दूसरे भूकंप के झटके महसूस हो गए। इस भूकंप की वीडिया सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रही है। जहां ऊंची-ऊंची इमारतों को ढेर होते साफतौर पर देखा जा रहा है। अभी तक दोनों देशों में 8 हजार लोगों की मौत हो गई है। और हजारों की संख्या में लोग घायल है। जिनको अस्पताल में भर्ती करवा गया।
बेबसी और लाचारी में तुर्की-सीरिया के लोग
वहीं इस तबाही वाले भूकंप के बाद कुछ फोटोज भी वायरल हो रही है। जिसमें कोई अपने बच्चे को उठाकर भागता नजर आ रहा है तो कोई खो चुका अपने परिवार के लिए आंखों में आंसू लेकर मलबे पर बैठा है। इन तस्वीरों को देख किसी का भी कलेजा भर आएगा। क्योंकि ऐसी तबाही ना किसी ने देखी होगा और ना ही कोई देखना चाहेगा। हालांकि कुछ लोगों को इस मलबे से जिंदा भी निकाला जा रहा है। ऐसे में एक नवजात शिशु को भी मलबे से निकाला गया है। खुशी की बात तो यह कि 30 घंटों के बाद भी बच्ची जिंदा है लेकिन दुख इल बात का है कि उस बच्चे ने अपनी आंखें खुलने से पहले अपनी मां को खो दिया।
मलबे में दिया बच्ची को जन्म
ये मामला सीरिया से है। यहां मलबे के नीचे फंसी एक गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दिया। दरअसल 34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि जिंदेरेस शहर में भूकंप के चलते उनके भाई का घर भी तबाह हो गया। पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई थी। वह अपने भाई और अन्य परिजनों को तलाशने के लिए मलबे की खुदाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा। तुरंत उन्होंने गर्भनाल काट दिया। बच्ची रोने लगी। उसे बाहर निकाला।
वहीं मलबा को पूरी तरह से हटाया तो पता चला कि बच्ची की मां मर चुकी है। बच्ची अभी अस्पताल में है और सुरक्षित है। खलील के अनुसार, उनकी भारी गर्भवती थीं और एक-दो दिन बाद वह बच्चे को जन्म देने वाली थीं, लेकिन भूकंप आने के बाद सदमे के चलते उन्होंने मलबे के अंदर ही बच्ची को जन्म दे दिया। करीब 30 घंटे बाद बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
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