
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पूरी दुनिया में गेहूं को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इस बीच तुर्की ने भारत की गेहूं की खेप को लौटा दिया है। उसका कहना है कि भारतीय गेहूं में रुबेला वायरल पाया गया है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक तुर्की को जो गेहूं की खेप भेजी गई थी तो वो सीधे भारत से निर्यात नहीं की गई थी। इसे भारतीय कंपनी ITC लिमिटेड ने नीदरलैंड की एक कंपनी को बेच दिया था।
ITC लिमिटेड के अधिकारी ने बताया कि,"आईटीसी ने फ्री ऑन बोर्ड (वजन और गुणवत्ता) आधार पर एक डच फर्म को गेहूं बेचा जिसने इसे एक तुर्की कंपनी को बेच दिया। ITC और डच फर्म दोनों को गेहूं की खेप के लिए पैसे मिल गए हैं। यह एक राजनीतिक फैसले से प्रेरित लगता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि गेहूं में कोई मानवरोग पाया गया लेकिन वो बीमारी फसलों में पाई ही नहीं जाती। ये आयात करने वाले देशों में कॉर्पोरेट प्रतिद्वंद्विता के कारण भी हो सकता है।"
उन्होंने कहा कि ऑफिशियल दस्तावेजों में शिपर के कॉलम में ITC का ही नाम लिखा था जिसे देखने के बाद ये मान लिया गया कि गेहूं भारत से सीधे तुर्की को निर्यात किया गया। बता दें कि तुर्की ने 56,877 टन भारतीय गेहूं की खेप को वापस कर दिया क्योंकि तुर्की के कृषि और वानिकी मंत्रालय का कहना है कि गेहूं में रूबेला वायरस का पता चला है। ये गेहूं की खेप तुर्की को भारत द्वारा 13 मई को गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध से पहले भेजा गया था। तुर्की का यह कदम आश्चर्य भरा नहीं है, इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने कश्मीर पर जहर भी उगला था।
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