
नई दिल्ली: पाकिस्तान की सियासत में चल रहे शह और मात के खेल में प्रधानमंत्री इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से बुरी तरह से पटखनी मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के फैसले को अवैध करार दे दिया। यहीं नहीं शीर्ष अदालत ने राष्ट्रपति के द्वारा संसद के निचले सदन को भंग करने के फैसले को भी खारिज कर दिया।
पाकिस्तानन में सेना के इशारे के बिना पत्ता भी नहीं हिलता है और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया कि इमरान खान पर अब जनरल बाजवा का हाथ नहीं रहा। पाकिस्तानी अखबार एक्सरप्रेस ट्रिब्यू के मुताबिक पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल बाजवा के नेतृत्वं में सेना भविष्य में भी तटस्थस रहेगी। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने एक स्पष्ट रणनीति बनाई है कि लोकतंत्र, संविधान और संसद को मजबूत किया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक,सेना ने साफ कर दिया है कि वह तटस्थ रहेंगी।
इससे पहले इमरान खान और उनकी पार्टी के नेता बार-बार यह दावा कर रहे थे कि पाकिस्तानी सेना का उन्हें समर्थन हासिल है। यहीं नहीं इमरान खान के रूस की तरफदारी पर सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने खुलकर अमेरिका का साथ दिया है, जिससे दोनों के बीच मतभेद साफ हो गए है। जनरल बाजवा ने एक कार्यक्रम में पिछले दिनों कहा कि पाकिस्तान विश्व में किसी कैंप की राजनीति नहीं करेगा। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से पाकिस्तान के अमेरिका के साथ अच्छे संबंध रहे हैं।
उधर, इमरान खान ने अपनी सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्तावको अमेरिकी साजिश तक करार दे दिया। इमरान खान अब इस अमेरिका का कार्ड को चुनाव में भुनाने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि जनता को अमेरिकी साजिश के नाम पर उकसाया जाए और आगामी चुनाव में इसका फायदा उठाया जाए।
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