
नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मामला और गंभीर हो रहा है। इस विवाद के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुगंस्क को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है। जिसके बाद पूरे विश्व में हलचल मच गई है। इसको देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक एक बैठक कर रही है। साथ ही बैठक में अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस पर प्रतिबंध की मांग भी की है।
इस बैठक में भारत ने भी अपना पक्ष रखा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस.तिरुमूर्ति ने कहा कि हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है। नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है। 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।
यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा कि हम शांति चाहते हैं, हम एक राजनीतिक और राजनयिक समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम उकसावे के आगे नहीं झुकते हैं
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