सत्ता की सीढ़ी तक पहुंचाने वाली दिल्ली की 12 आरक्षित सीटों पर तीनों राजनीतिक दलों की नजर।
बीते चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलेगा कि जो दल इन सीट को अपने पक्ष में करने में सफल रहा, वही सत्ता पर काबिज हुआ। इनमें अंबेडकर नगर, त्रिलोकपुरी, करोल बाग, पटेल नगर, सीमापुरी, मंगोलपुरी, सुल्तानपुर माजरा, मादीपुर, गोकलपुर, बवाना, देवली और कोंडली सीट शामिल है।
वर्ष 2008 तक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का इन पर कब्जा रहा। अब सभी सीटें आप के कब्जे में हैं। तीनों राजनीतिक दल इन सीट पर जीत हासिल करने में जुटे हैं। दिल्ली की 70 विधानसभा सीट में से 12 आरक्षित हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन सीट पर ज्यादातर झुग्गी झोपड़ियां और कच्ची कॉलोनियां पड़ती हैं। इन पर जिस राजनीतिक दल का असर अधिक दिखता है, उसका प्रभाव दूसरी सीटों पर भी दिखता है। अगर बीते चुनावों को देखा जाए तो इन 12 सीट में अधिकतर सीट एक ही राजनीतिक दल के पास होती हैं। यही वजह है कि वह पार्टी में सत्ता में रही है। बीजेपी इन 12 सीट पर सबसे कमजोर मानी जाती रही है।
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