
Mpox Case Update: विश्व के कई देशों में फैली अव्यवस्था, गरीबी और अस्वच्छता के कारण कई बीमारियों की उत्तपति हो रही है। कोरोना के बाद एक और गंभीर संक्रमण अपना पैर पसार रहा है। एमपॉक्स नामक बीमारी ने एक बार फिर दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। पिछले साल अफ्रीका में इस संक्रमण का पहली बार पता चला था। हालांकि, अब एमपॉक्स का नया मामला स्वीडन में पाया गया है। इस खबर ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की नीदें उड़ा दी है। साथ ही दो साल में दूसरी बार इस बीमारी को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। गौतरलब है कि, इस साल में अब तक पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में 17,000 से अधिक एमपॉक्स के मरीज मिले हैं।
स्वीडन का नागरिक हुआ संक्रमित
पिछले दो सालों में पहली बार अफ्रीका से बाहर किसी देश के नागरिक को एमपॉक्स से संक्रमित पाया गया है। स्वीडिश पब्लिक हेल्थ एजेंसी के महानिदेशक ओलिविया विगज़ेल ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि संक्रमित व्यक्ति अफ्रीका के एक हिस्से में रहने के दौरान वायरस की चपेट में आया, जहां यह बीमारी बड़े पैमाने पर फैली हुई है। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की बातों को दोहराते हुए एमपॉक्स को “पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कन्सर्न” बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि WHO एमपॉक्स वायरस के अफ्रीका और संभवतः महाद्वीप के बाहर के देशों में फैलने की संभावना के बारे में भी चेतावनी दे रहा है।
क्या है एमपॉक्स संक्रमण?
एमपॉक्समें चेचक जैसे लक्षण होते हैं, जिसमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और एक अलग तरह के दाने शामिल हैं, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। यह वायरस संक्रमित जानवरों, शारीरिक तरल पदार्थ या दूषित पदार्थों के सीधे संपर्क के जरिए मनुष्यों में फैलता है और यह सांस की बूंदों या छूने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है।एमपॉक्स के लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक रहते हैं। Mpox आमतौर पर हल्का और दुर्लभ मामलों में घातक होता है। इससे फ्लू जैसे लक्षण और शरीर पर मवाद से भरे घाव भी हो जाते हैं।
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