
Delhi MCD Election: दिल्ली में रेखा गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब पहली परीक्षा सामने आ गई है। दिल्ली नगर निगम की 12 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। जिसमें भाजपा का मुकाबला आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस से भी होने वाली है। इस उपचुनाव में रेखा गुप्ता सरकार की साख भी दांव पर लगी है।
दिल्ली के जिन 12 नगर निगम वार्डों में उपचुनाव हो रहे हैं। उनमें दक्षिणपुरी,संगम विहार-ए, ग्रेटर कैलाश, विनोद नगर, शालीमार बाग-बी, अशोक बिहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, द्वरका-बी, मुंडका, नारायणा और दिचाऊं कलां सीट शामिल है। एमसीडी की इन 12 सीटों में 9 पर भाजपा के पार्षद थे और तीन पर आम आदमी पार्टी का कब्जा था।
भाजपा के लिए अग्निपरीक्षा
दिल्ली के 12 वार्डों में हो रहे उपचुनाव भाजपा के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। शालीमार बाग-बी वार्ड का प्रतिनिधित्व दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पार्षद के नाते किया था लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद यह सीट खाली हो गई। इसी तरह द्वारका-बी वार्ड सीट पर भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत की साख दांव पर है। इसके अलावा, विनोद नगर सीट भाजपा के फायरब्रांड विधायक रविंदर नेगी की रही है। इससे समझा जा सकता है कि एमसीडी उपचुनाव भाजपा के लिए कितना मायने रखता है।
भाजपा ने उतारी अपनी टीम
एमसीडी उपचुनाव के लिए दिल्ली सरकार में शामिल सभी छह मंत्रियों को वार्ड प्रभारी बनाया गया है। हर मंत्री को दो-दो वार्डों की जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव प्रभारी और संयोजकों को बूथ स्तर तक कड़ी निगरानी रखने, घर-घर जाकर मतदाताओं से सीधे संपर्क करने को कहा गया है। भाजपा के लिए चांदनी चौक, चांदनी महल और पुरानी दिल्ली की सीटें सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। भाजपा का लक्ष्य स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रीत करके जीत हासिल करना है। ये उपचुनाव दिल्ली में भाजपा को अपनी स्थिति को और मजबूत करने का मौका है।
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