RBI के GDP ग्रोथ अनुमान घटाने का नजर आया असर

RBI के GDP ग्रोथ अनुमान घटाने का नजर आया असर

भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस साल पांचवी बार रेपो रेट में कटौती कर लोन और सस्ता होने का रास्ता साफ कर दिया लेकिन जीडीपी के अनुमान को रिवाइज करते हुए उसे अगस्त में दिए 6.9 फीसदी के अनुमान से घटाकर 6.1 पर्सेंट कर दिया

जो 7 सालों का सबसे निचला स्तर है। यह चिंता का विषय है। अनुमान घटाए जाने का तुरंत असर शेयर बाजर पर दिखा। बीएसई का बेंचमार्क सेंसेक्स करीब 430 अंक गिरकर बंद हुआ। आइए जानें कि केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट से ज्यादा जीडीपी अनुमान में क्यों कटौती की।

25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती से पहले इसी साल केंद्रीय बैंक पहले ही रेपो रेट में 1.1 पर्सेंट की कटौती कर चुका है। ताजा कटौती के साथ रेपो रेट साल 2010 के बाद पहली बार इतनी नीचे पहुंचा है। की गई कटौती के बाद रेपो रेट 5.40% से घटकर 5.15% पर आ गया है।

वित्त वर्ष 2019-20 के जीडीपी अनुमान में बड़ी कटौती करते हुए उसे 6.1 पर्सेंट किए जाने के बड़े मायने हैं। आरबीआई ने अगस्त में मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की थी और उम्मीद जताई थी कि खपत और निवेश में वृद्धि होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इसके अलावा, वैश्विक व्यापार में सुस्ती के चलते निर्यात भी रफ्तार खो चुके हैं। वहीं जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के 5% के आंकड़े भी कन्जम्पशन स्लोडाउन और निजी सेक्टर में निवेश में सुस्ती बयान करते हैं। जीडीपी के घटे अनुमान के पीछे यह कारण प्रमुख है।

 

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