
नई दिल्ली: हमारे धरती के नीचे क्या है? हमारे धरती के बीचों बीच कौन सी चीजे मौजूद है? इन सारे रहस्यों के सवाल ढूंढने के लिए रूस के द्वारा साल 1970 में दुनिया का सबसे बड़ा गड्ढा बनाया गया,जिसे रूस के पेनिनसुला शहर में खोदा गया था। इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का मकसद केवल पृथ्वी के सेंटर तक पहुंचना था,लेकिन ड्रिल मशीन के नोंक पर लगाई गई माइक में कुछ ऐसी आवाजें कैद हो गई जिसने लोगों के होश उड़ा दिए थे।
बता दें कि लोगों का यह मानना था कि धरती के नीचे एक नर्क है जहां पापी लोगों को रखा जाता है। इस बात का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों के द्वारा ड्रिल मशीन के नोंक पर एक माइक लगा दी थी, जिससे कि अंदर हो रही आवाजों को कैद किया जा सके, वैज्ञानिक यह चाहते थे कि अगर धरती के नीचे सच में नर्क है तो माइक में नर्क वासियों की आवाज जरूर कैद होगी और ऐसा ही हुआ। करीब 12 किलोमीटर की खुदाई होने के बाद अचानक से माइक में अजीबोगरीब आवाज कैद होने लग गई ।हालांकि वैज्ञानिकों को उस माइक में कैद हुई आवाज साफ से सुनाई नहीं दे रही थी।वहीं इस गड्डे को खोदने में लगभग 10 साल का समय लगा था।
जब साल 1983 में वैज्ञानिकों द्वारा इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया वैज्ञानिकों ने बताया था कि उस समय काम को इसलिए रोक दिया गया था क्योंकि धरती के नीचे का तापमान 815 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका था और अगर इसके आगे और खुदाई की जाती तो ड्रिल मशीन अंदर ही पिघल कर रह सकती थी और इस प्रोजेक्ट को वहीं रोक दिया गया था। जिसके बाद यह बात जंगल में लगी आग की तरह फैलने लग गई। आम लोग यह मानने लगे थे कि धरती के नीचे शैतान का वास है। वहां के मीडिया के द्वारा भी इस बात को काफी बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा था।
कई साल बीत जाने के बाद 1984 में सरकार से परमिशन लेकर इस प्रोजेक्ट को दोबारा नए सिरे से शुरू किया गया। साल 1989 आते-आते रूस के वैज्ञानिकों ने एक और नया गड्ढा खोद दिया था। इस गड्डे ने आज भी पूरे दुनिया में रिकॉर्ड बनाया हुआ है। इस नए गड्डे को 13 किलोमीटर तक खोदा गया था। इस गड्ढे को खोजने के बाद इस गड्ढे में से कई ऐसे चट्टान मिले थे जिस पर वैज्ञानिकों ने जब रिसर्च किया तब पता चला कि उन चट्टानों की उम्र 2 बिलीयन साल से भी ज्यादा की हैं।वैज्ञानिकों को उन चट्टानों पर से ऐसे ऐसे तत्व मिले जो किसी जीव के मरने पर उत्पन्न होते है।
Leave a comment