डेढ़ साल तक घर में सजाकर रखा गया आयकर विभाग के कर्मचारी का शव, इस तरह खुला रहस्य का राज

डेढ़ साल  तक घर में सजाकर रखा गया आयकर विभाग के कर्मचारी का शव, इस तरह खुला रहस्य का राज

यूपी: कानपुर से एक चौंकाने वाली मामला सामने आया है। जिसने हर किसी को हैरान में डाल दिया है। दरअसल कानपुर से एक परिवार ने ड़ेढ साल से एक व्यक्ति के साथ गुजारने की खबर सामने आई है। इतना ही नहीं माता-पिता उस शव की देखभाल करते रहे। वहीं मामले का शिलासा जब हुआ जब स्वास्थ्य विभाग की एक टीम घर पहुंची।

दरअसल यह मामला कानपूर के रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी रोशन नगर का बताया जा रहा है। जहां आर्डनेंस फैक्टरी से रिटायर्ड कर्मचारी राम औतार रोशन नगर में अपने तीन बेटों के साथ रहते है लेकिन उनका सबसे छोटा बेटा विमलेश अहमदाबाद में आयकर विभाग में असिस्टेंट अकाउंटेंट ऑफिसर (एएओ) के पद पर था। विमलेश की पत्नी मिताली किदवईनगर स्थित सहकारिता बैंक में कार्यरत हैं। वहीं मामला शुरू होता है 18 अप्रैल 2021 को। जब विमलेश को निमोनिया होने पर बिरहाना रोड स्थित मोती हॉस्पिटल में भर्ती कराया था लेकिन 22 अप्रैल 2021 को उसके बेटे की मौत हो जाती है। 

मृत्यु के बाद अस्पताल ने परिजनों को मृत्यु प्रमाणपत्र दिया और परिजन अपने बेटे के शव को घर ले जाते है। घर आने के बाद परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे तभी मां राम दुलारी ने विमलेश के दिल की धड़कन आने की बात कहकर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। तभी से माता-पिता उसके शव को घर के एक कमरे में रखकर देखभाल कर रहे थे। वहीं डेढ साल बाद डिप्टी सीएमओ डॉ. ओपी गौतम के साथ स्वास्थ विभाग की टीम और एसीपी कल्याणपुर दिनेश कुमार शुक्ला फोर्स संग घर पहुंचे।

टीम ने विमलेश का परीक्षण कर उसे मृत घोषित कर दिया। उधर माता-पिता ने जिंदा होने की बात कह कर हंगामा करना शुरू कर दिया। माता-पिता का कहना है कि उनका बेटा कोमा में है। हालांकि उसकी पहले ही मौत हो चुकी है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने पोस्टमार्टम करने की बात कही तो परिवार ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।

कैसे हुआ खुलासा

दरअसल आयकर विभाग लगातार विमलेश के अनुपस्थित होने का कारण जाने से पहले ही पत्नी ने पहले पत्र लिखकर बताया कि विमलेश बीमार हैं, उनका मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं बन रहा है। इसके बाद एक सप्ताह पहले मिताली ने अहमदाबाद स्थित आयकर विभाग के कार्यालय में फोन कर बताया कि पति की मौत हो चुकी है फिर भी माता-पिता उनका शव रखे हुए हैं।

इसपर विभाग ने सही जानकारी के लिए कानपुर के सीएमओ और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच के लिए कहा। इस पर शुक्रवार को एसीएमओ की तीन सदस्यीय टीम और पुलिस जांच के लिए घर पहुंची थी। जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ है।

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