
Apple Airlifts iPhones From India To US: अमेरिका ने 02 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान किया था। जिसके बाद से ग्लोबल मार्केट में मंदी देखने को मिली। इस बीच, ट्रंप ने कई देशों पर लगाए गए शुल्क को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया। उस दौरान Apple ने भारत से अमेरिका को 6 चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट्स के ज़रिए लगभग 600 टन iPhones भेजे। यानी 15 लाख से ज्यादा iPhone भेजे हैं। बता दें, अमेरिका ने ये कदम अपने फायदे के लिए उठाया है। ताकि टैरिफ की वजह से अमेरिकी बाजार में iPhones की कमी ना आए।
चीन की जगह भारत को क्यों चुना?
बता दें, हाल ही में अमेरिका ने चीन पर शिकंजा कसते हुए वहां से आने वाले सामानों पर 145 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है। वहीं, चीन से निर्यात होने वाले iPhones पर अधिकतम 125% तक का टैरिफ लागू कर दिया गया था। जो पहले 54% था। दूसरी तरफ, भारत पर नजर डाले तो वहां से आने वाले सामानों पर 26% का टैरिफ का ऐलान किया था। जिसके बाद अमेरिका ने देशों से आने वाले सामान पर लगाए गए शुल्क को 90 दिनों के लिए रोक दिया।
इसके बाद Apple ने iPhones निर्यात के लिए चीन की वजह भारत को चुना। वहीं, भारत के निर्यातक भी इस मौके का पूरा फायदा उठा रहे हैं। क्योंकि ऐसा करने से अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को और ज्यादा बेहतर किया जा सकता है। दूसरी तरफ, एप्पल के इस कदम से ऐसा लग रहा है कि कंपनी अब भारत को अपने वैश्विक सप्लाई चेन हब के रूप में विकसित कर रही है। क्योंकि पहले ये जिम्मेदारी चीन के पास थी। अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर को देखते हुए ये जिम्मेदारी शायद अब भारत को मिल सकती है।
चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट्स से भेजे 600 टन iPhones
उस दौरान Apple ने भारत से अमेरिका को 6 चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट्स के ज़रिए लगभग 600 टन iPhones भेजे। यानी 15 लाख से ज्यादा iPhone भेजे हैं। इसके लिए चेन्नई एयरपोर्ट पर एक 'ग्रीन कॉरिडोर' सिस्टम भी लागू किया गया।
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