
SC Reprimands Samay Raina: कॉमेडियन समय रैना को दिव्यांगता पर किए गए मजाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि ह्यूमर किसी की गरिमा की कीमत पर नहीं होना चाहिए। साथ ही रैना को सुझाव दिया कि वे स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) से पीड़ित लोगों के साथ एक शो आयोजित करें, ताकि इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाई जाए।
आपका पैसा नहीं चाहते- कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वे आपका पैसा नहीं चाहते, उन्हें गरिमा और सम्मान चाहिए। अपने मंच का इस्तेमाल करके उनकी उपलब्धियों को दिखाने के लिए करें। कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसे शो फंड जुटाने में मदद कर सकते हैं, ताकि समय पर इलाज मिल सके।
केंद्र सरकार किया ये सवाल
इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्यों न दिव्यांग व्यक्तियों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले बयानों पर SC/ST एक्ट जैसी सख्त सजा का प्रावधान किया जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सहमति जताते हुए कहा कि हास्य किसी की गरिमा की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
कोर्ट ने जताई उम्मीद
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बताया कि SMA से पीड़ित कई लोग काफी प्रतिभाशाली हैं। कोई माइक्रोसॉफ्ट में काम कर रहा है, कोई मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा है, कोई शास्त्रीय गायक है, तो कोई असमिया लेखक और प्रकाशक हैं। इनकी उपलब्धियों को दुनिया के सामने रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि समय रैना और अन्य कॉमिक्स इस दिशा में ईमानदारी दिखाएंगे और ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करेंगे। कोर्ट ने ये भी कहा कि हम चाहते हैं कि अगली सुनवाई से पहले कम से कम दो ऐसे कार्यक्रम हों।
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