मुंबई: कोरोना, यस बैंक और कच्चे तेल की तिकड़म से सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी धड़ाम हो गया. न केवल भारत बल्कि दुनिया के कई देशों के शेयर बाजार कोरोना के चलते लगातार नीचे जा रहे हैं. सेंसेक्स 2450 अंक गिरा तो निफ्टी ने 650 अंकों का गोता लगाया है. अनुमान के मुताबिक इससे निवेशकों के पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए. यह पिछले पांच सालों की सबसे बड़ी गिरावट है. अंकों के हिसाब से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. अगर फीसदी के हिसाब से इसका आकलन करें तो यह 11 फीसदी की गिरावट है.
दोपहर 1.30 बजे सेंसेक्स जहां 32500 पर था जो कि तो निफ्टी 10000 के नीचे आ गया. प्रमुख रूप से जिन कंपनियों के शेयर गिरे उनमें ओएनजीसी, आरआईएल, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं. हालांकि यस बैंक के शेयरों में तेजी बनी हुई है. शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट की एक वजह सउदी अरब और रूस के बीच कच्चे तेल के बीच छिड़ा प्राइस वाॅर भी है. इसकी वजह से भी दामों में गिरावट हो रही है. तेल कीमतों में मास्को के सहमत नहीं होने के बाद सउदी अरब ने दामों में कटौती कर दी है जिसकी वजह से भारत में भी शेयर बाजार धड़ाम हो गया है.
ओएनजीसी शेयरों में 15 पर्सेंट की गिरावट
सबसे अधिक ओएनजीसी शेयरों में 15 पर्सेंट की गिरावट आई। इसका मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयरों में भी 13 पर्सेंट की गिरावट आई है और इसका मार्केट कैप 7लाख करोड़ से नीचे आ गया है। रिलायंस का मार्केट कैप सिंगल डे में 1.08 लाख करोड़ रुपये कम हो गया.
देखा जाए तो कोरोना का प्रकोप और यस बैंक का संकट शेयर बाजार पर कहर बनकर टूटा है. इससे पहले शुक्रवार को भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. यस बैंक के शेयर करीब 6 रुपये तक पहुंच गया था. हालांकि उसके बाद शेयर में तेजी देखने को मिली थी, और 19 तक पहुंचा था.
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