
नई दिल्ली: सहारनपुर के एक बार फिर से चर्चा में हैं। लकड़ी की नक्काशी के लिए मशहूर सहारनपुर लेकिन इस बार गुप्ता ब्रदर्स की वजह से चर्चा में है। साउथ अफ्रीका में कारोबार करने वाले NRI अजय गुप्ता अपने कारोबार का विशाल साम्राज्य स्थापित कर चुके हैं। महज 27 वर्षों में सैकड़ों करोड़ के साम्राज्य को स्थापित कर चुका गुप्ता परिवार राष्ट्रपति जैकब जुमा से नजदीकियों और सरकार में पूरी दखल रखने को लेकर पिछले कई वर्षों से सुर्खियों में है।
गुप्ता ब्रदर्स करीब 24 साल पहले सहारनपुर से बिजनेस अवसर की तलाश में दक्षिण अफ्रीका गए थे। फिर वहां उनका कारोबार ऐसा फैला कि वो अब उस देश के टॉप टेन धनी कारोबारी परिवारों में शुमार हो गए। लेकिन उन पर हमेशा जुमा के नजदीकी होने और सियासी फायदे से कारोबार में आगे बढ़ाने का आरोप लगता रहा है। दक्षिण अफ्रीका में जैकब जुमा को भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
आखिर कैसे पहुंचे दक्षिण अफ्रीका
गुप्ता बंधु उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं। शुरुआत में इन्होंने दिल्ली में मसालों का काम किया। 1993 में जब भारत ग्लोबलाइजेशन की ओर बढ़ रहा था तब गुप्ता बंधु नया मौका खोजने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंच गए। यहां उन्होंने जूतों से लेकर कंप्यूटर, खनन से लेकर गाड़ियों का बिजनेस शुरू किया। एक समय गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका के सबसे ताकतवर लोगों में शुमार हो गए। 2016 में गुप्ता ब्रदर्स दक्षिण अफ्रीका के 16वें सबसे अमीर लोगों में से थे। उस समय उनकी संपत्ति लगभग 78 करोड़ डॉलर करीब 60 अरब रुपए थी।
2016 में विवाद एक आरोप के बाद शुरू हुआ, जिसमें कहा गया कि गुप्ता ब्रदर्स ने तत्कालीन उप वित्त मंत्री को कैबिनेट पद दिलाने का वादा किया है, लेकिन इसके लिए उन्होंने अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए पैसे की मांग की है। लगभग इसी समय भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री प्रवीण गोरधन ने आरोप लगाया कि गुप्ता ब्रदर्स के कारण ही उन्हें कैबिनेट से हटाया गया। इन आरोपों के सामने आने के बाद ही पैसों की हेरा-फेरी को लेकर जांच शुरू हुई। जांच के बाद ब्रिटेन की ओर से गुप्ता बंधुओं के खातों को सीज कर दिया गया और उनके यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 2018 में जब जैकब ज़ुमा की सरकार गिरी तो गुप्ता बंधु वहां से भाग निकले और तभी से वह गायब थे।
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