Solomon Islands: चीन की इस चाल से अमेरिका समेत पूरे हिंद और प्रशांत महासागर पर गंभीर खतरा

Solomon Islands: चीन की इस चाल से अमेरिका समेत पूरे हिंद और प्रशांत महासागर पर गंभीर खतरा

नई दिल्ली: चीन और सोलोमन द्वीप के बीच प्रस्तावित सुरक्षा ढांचे को लेकर अमेरिका समेत ऑस्ट्रेलिया, जापान और न्यूजीलैंड ने चिंता जताई है। इसे स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए गंभीर खतरा बताया है। व्हाइट हाउस के अनुसार, इस संबंध में चारों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी की गई थी।

व्हाइट हाउस के एक बयान के अनुसार इंडो-पैसिफिक पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के कोऑर्डिनेटर कर्ट कैंपबेल और पूर्वी एशिया से जुड़े मामलों के सहायक विदेश मंत्री डेनियल क्रिटेनब्रिंक ने 18 अप्रैल को बैठक बुलाई है। बैठक में यूएस नेवी के एडमिरल जॉन सी एक्विलिन के साथ ऑस्ट्रेलिया, जापान और न्यूजीलैंड के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। एडमिरल जॉन सी एक्विलिन अमेरिकी नेवी के इंडो-पैसिफिक कमांडर हैं।

बयान के मुताबिक अमेरिका ने समुद्री सुरक्षा और आर्थिक विकास से लेकर जलवायु संकट और कोविड-19 जैसी 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी को तेज करने का संकल्प लिया है। बयान में कहा गया, ‘हम प्रशांत द्वीप राष्ट्रों के साथ हमेशा घनिष्ठ साझेदारी रखेंगे। इसमें एक संयुक्त प्रशांत द्वीप समूह फोरम के साथ-साथ यूरोप सहित क्षेत्र के भीतर और बाहर समान विचारधारा वाले देश भी शामिल हैं।’

पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘हमारा मानना है कि इस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर करने से सोलोमन द्वीप समूह के भीतर अस्थिरता बढ़ सकती है।’ बता दें कि चीन और सोलोमन द्वीप समूह ने मंगलवार को सुरक्षा सहयोग को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत चीन दक्षिण प्रशांत द्वीपसमूह के पड़ोसी देश में नौसैनिक अड्डे स्थापित कर सकता है।

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