वाराणसी-बनारस या काशी...दुनिया का सबसे प्राचीन शहर, जानें शिव के त्रिशूल पर कैसे बसी ये नगरी

वाराणसी-बनारस या काशी...दुनिया का सबसे प्राचीन शहर, जानें शिव के त्रिशूल पर कैसे बसी ये नगरी

Varanasi History:पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एसएस राजामौली की फिल्म 'वाराणसी' काफी चर्चा में है। यह फिल्म दुनिया के सबसे प्राचीन शहर वाराणसी पर आधारित होगी। जानकारी के अनुसार, फिल्म की स्टारकास्ट के लिए महेश बाबू, प्रियंका चोपड़ा और पृथ्वीराज सुकुमारन जैसे कई कलाकारों का नाम सामने आया हैं। लेकिन इस फिल्म की वजह से एक बार फिर वाराणसी की प्राचीनता को चर्चा में ला दिया।

दुनिया का सबसे प्राचीन शहर वाराणसी 

वाराणसी, जिसे बनारस या पौराणिक नाम काशी के नाम से भी जाना जाता है। इसे न केवल भारत की धार्मिक राजधानी मानी जाती है, बल्कि इसे दुनिया के सबसे प्राचीन जीवित शहरों में से एक कहा जाता है। वाराणसी लगातार बसा हुआ दुनिया का सबसे पुराना शहर माना जाता है। यहां की खुदाई में 1800-1000 ईसा पूर्व के अवशेष मिले हैं, यानी करीब 3,000-4,000 साल पुराना निरंतर बसेरा। 'वाराणसी” नाम वरुणा और असी नामक दो प्राचीन नदियों के संगम से आया है।

ऋग्वेद में काशी का उल्लेख है और महाभारत, रामायण से भी इसका संबंध जोड़ा जाता है। पौराणिक कथाओं में भगवान शिव ने ही काशी की स्थापना की थी और इसे अपना निवास स्थान बनाया। इसलिए इसे 'शिव की नगरी' या 'अविमुक्त क्षेत्र' कहा जाता है। यह शहर सदियों से आध्यात्मिक, शैक्षणिक और कलात्मक गतिविधियों का केंद्र रहा है।

धार्मिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने सालों पहले काशी की स्थापना की थी। यही कारण है कि यह शहर हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर, शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो इसे आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद अहम बनाता है। हिंदू धार्मिक विश्वासों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति वाराणसी में अपनी अंतिम दिनों में आता है और गंगा में स्नान करता है, तो उसे मोक्ष से मुक्ति मिलती है।

शिव के त्रिशूल पर बसा शहर

पौराणिक कथाओं के अनुसार जब असुरों और देवताओं के बीच भयंकर युद्ध छिड़ा, तब असुरों ने काशी में हाहाकार मचा दिया था। इसके बाद भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से काशी की रक्षा की। जिसका उद्देश्य इस नगरी को विनाश और कालचक्र से परे रखना था।  

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