Punjab: मोबाइल और अन्य गैजेट्स के समय में मात्र 16 वर्ष की उम्र में लिख डाली किताब, पढ़े पूरी खबर

Punjab: मोबाइल और अन्य गैजेट्स के समय में मात्र 16 वर्ष की उम्र में लिख डाली किताब, पढ़े पूरी खबर

मोगा: पंजाब के खन्ना में 16 वर्ष की आयु में जब अन्य बच्चे कोरोना काल के दौरान मोबाइल और अन्य गैजेट्स के साथ अपना समय बिता रहे थे, इस प्रतिभाशाली लड़की ने भारत के लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से धर्मनिरपेक्षता पर अंग्रेजी में 90 पेज की किताब लिखी. पुस्तक को इस तरह से लिखा गया था कि संयुक्त राज्य में रहने वाले एक प्रकाशक ने पुस्तक को पढ़ा और प्रकाशित किया और साथ ही साथ उस के अधिकारों को सुरक्षित कर दिया.

पंजाब के खन्ना के लल्हेरी रोड स्थित लाला सरकारू मल सर्वहितकारी विद्या मंदिर में बारहवीं कक्षा की छात्रा रश्मिन भारद्वाज की. जो जन्म से एक हाथ से दिव्यांग है, लेकिन उसने कभी भी अपनी शारीरिक कमी को अपने दिल और दिमाग पर हावी नहीं होने दिया और दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन गई है. भारतीय धर्मनिरपेक्षता पर 16 वर्षीय रश्मिन भारद्वाज की किताब का नाम है  "द कैलेजीनीअस लाइट" 90 पन्नों की यह किताब अंग्रेजी में है. रश्मिन का विचार निकट भविष्य में भारतीयों के लिए इस पुस्तक का हिंदी और पंजाबी में अनुवाद करना है.

यह पुस्तक अमेरिका के मिशिगन के प्रोफेसर तूफ़ानी पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित की गई है, जो स्वयं भारतीय मूल के हैं. जबकि भारत में प्रकाशक रश्मिन की पुस्तक के प्रकाशन के लिए पैसे की मांग कर रहे थे, अमेरिकी प्रकाशक ने पुस्तक के प्रकाशन के लिए कोई पैसा नहीं लिया, लेकिन अब रश्मिन को पुस्तक की बिक्री पर रॉयल्टी मिलेगी.  पुस्तक की अभी कम कापियां प्रकाशित की गई है और कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है.

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