Punjab And Haryana Government Decision : पंजाब-हरियाणा सरकार ने कसी कमर, बनेंगे पराली निष्पादन सुविधा केंद्र

Punjab And Haryana Government Decision : पंजाब-हरियाणा  सरकार ने कसी कमर, बनेंगे पराली निष्पादन सुविधा केंद्र

नई दिल्ली :इस बार दिल्ली की आबोहवा को पराली के धुएं से दूषित होने नही दिया जाएगा. दिल्ली की आबोहवा को पराली के धुएं से बचाने के लिए पंजाब और हरियाणा ने अपना एक्शन प्लान सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति को सौंप दिया है. वहीं पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों ने ही पराली निस्तारण के लिए बायोमास संयंत्र और कई उन्नत मशीनों का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है ताकि दिल्ली की आबोहवा इस बार दूषित न हो.

आपको बता दें कि, पराली के धुएं से दिल्ली की आबोहवा खराब ना हो इसलिए पंजाब और हरियाणा ने अपना एक्शन प्लान सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति को सौंप दिया है. दोनों राज्यों ने पराली निस्तारण के लिए बायोमास संयंत्र और कई उन्नत मशीनों का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है. वहीं पंजाब और हरियाणा ने अपने मास्टर प्लान में किसानों को किराये पर मशीनें देने के लिए अधिक से अधिक सीएचसी बनाने का प्रस्ताव दिया है. जो कि किसान महंगी कृषि मशीनें खरीदने में सक्षम नहीं हैं. वे इन केंद्रों से इन्हें किराये पर ले सकते हैं. साथ ही पंजाब में 7378 सीएचसी खोले जा चुके हैं और इस साल अंत तक 5200 और केंद्र खोले जाएंगे.

वहीं अब तक पंजाब सरकार 50185 कृषि मशीनें उपलब्ध करा चुकी है. इस सुविधा के लिए राज्य सरकार ने एक मोबाइल एप भी शुरू किया है. जिसके जरिए किसान मशीनें किराये  पर ले सकते हैं. हरियाणा ने भी 2879 सीएचसी स्थापित किए हैं और अक्तूबर तक 2000 सीएचसी और शुरू होंगे. वहीं हरियाणा ने 24705 मशीनें दी हैं. जिनमें 8777 किसानों के पास और शेष सीएचसी में हैं. इसके अलावा बायो सीएनजी और बायो एथेनॉल परियोजनाओं में भी परानी के इस्तेमाल की योजना पर काम हो रहा है.

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