ट्रंप के बर्थडे परेड के खिलाफ अमेरिका की सड़कों पर 'No Kings' प्रदर्शन, जानें पूरा मामला

Donald Trump Birthday: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 जून को अपना 79वां जन्मदिन मनाया। जो अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ का भी था। इस मौके पर वाशिंगटन डीसी में एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया गया। जिसमें 6,500 सैनिक, 150 से ज्यादा बख्तरबंद वाहन, और 50 से अधिक लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। इस परेड की अनुमानित लागत 350-385 करोड़ रुपये (लगभग 43-45 मिलियन डॉलर) बताई जा रही है। जिसे लेकर अब विवाद छिड़ गया है।
परेड उत्सव या शक्ति प्रदर्शन?
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस परेड को अमेरिकी सेना की ताकत और गौरव का प्रतीक बताया। परेड में एम1 अब्राम्स टैंक, ब्रैडली फाइटिंग वाहन, और हिमार्स रॉकेट सिस्टम जैसे हथियारों का प्रदर्शन किया गया। जो अमेरिका की वैश्विक सैन्य ताकत का संदेश देता है। ट्रंप ने नए सैनिकों को शपथ दिलाई और इसे अमेरिकी विरासत का नाम दिया। वही विपक्षी दलों और आलोचकों ने इसे ट्रंप के जन्मदिन के लिए जनता के पैसे की बर्बादी और तानाशाही का प्रतीक बताया।
'No Kings' प्रदर्शन
परेड के समानांतर अमेरिका के 50 राज्यों में 'No Kings' आंदोलन के तहत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप की नीतियों को खासकर उनकी आव्रजन नीतियों और सैन्य शक्ति के दुरुपयोग को तानाशाही का प्रतीक बताया। लॉस एंजेलिस में प्रदर्शन हिंसक हो गए। जहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। पुलिस ने आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। जबकि प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग तक लगाई।
सुरक्षा और विवाद
परेड और विरोध प्रदर्शनों के लिए वाशिंगटन डीसी में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए। 18 मील से अधिक की 'एंटी-स्केल फेंसिंग' और 175 मैग्नेटोमीटर लगाए गए। ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी कि हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ट्रंप का जन्मदिन और सैन्य परेड अमेरिका में गहरे राजनीतिक को दर्शाते हैं।
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