
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर ड्रोन हमले के बाद कंपनी ने वहां उत्पादन ठप कर दिया है। इसकी वजह से सऊदी अरब की इस सबसे बड़ी तेल व गैस कंपनी के उत्पादन में 50 फीसद तक की कमी आई है।
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजिज बिन सलमान ने जानकारी दी थी कि ड्रोन हमलों की वजह से 57 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ है, जो कंपनी के कुल उत्पादन का लगभग आधा है। इसका असर भारत समेत दुनिया के अन्य देशों पर देखने को मिल सकता है।
ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजिज ने बयान जारी करके जानकारी दी थी कि ड्रोन हमले की वजह से अरामको के अबकैक और खुरैस संयंत्रों में उत्पादन ठप कर दिया गया है। दोनों संयंत्रों में भीषण आग से काफी नुकसान हुआ है। कंपनी जल्द दोबारा उत्पादन शुरू करने की दिशा में काम कर रही है, लेकिन इसमें वक्त लग सकता है। साथ ही उन्होंने ये भी जानकारी दी थी कि तेल उत्पादन में हुई कटौती की भरपायी कंपनी अपने तेल भंडारों से करेगी। इस हमले की जिम्मेदारी यमन में ईरान से जुड़े हूती विद्रोहियों ने ली है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में सऊदी पर हमलों के उनके अभियान में और तेजी आएगी। सऊदी पर ऐसे और हमले करने के लिए उन्होंने 10 ड्रोन तैनात किए हैं।
दुनिया के प्रमुख तेल बाजार के सबसे बड़े भंडार पर हुए ड्रोन हमलों की वजह से निकट भविष्य में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसका असर लगभग पूरी दुनिया पर पड़ेगा। सबसे ज्यादा असर उन देशों पर पड़ेगा, जो सऊदी अरब से सीधे तेल आयात करते हैं। कोलंबिया विश्वविद्यालय में सेंटर ऑन ग्लोबल एनर्जी पॉलिसी चलाने वाले और बराक ओबामा के राष्ट्रपति शासन में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का हिस्सा रहे ड्रोन हमले का निशाना बना अरामको का अबकैक संयंत्र, तेल आपूर्ति के लिए दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। क्षेत्र में चल रहे तनाव की वजह से तेल के दाम पहले ही पूरी दुनिया में काफी ज्यादा है। इस हमले की वजह से कच्चे तेल की कीमतें और बढ़ेंगी। सोमवार से ही इसका असर दिख सकता है। उत्पादन लंबे समय तक बंद ररहा तो तेल संकट गहरा भी सकता है।
Leave a comment