Health Tips: बदलते मौसम के बीच वायरल बुखार से लोग परेशान, ठीक होने के लिए अपनाए ये उपाए

Health Tips: बदलते मौसम के बीच वायरल बुखार से लोग परेशान, ठीक होने के लिए अपनाए ये उपाए

seasonal fever symptoms: इन दिनों मौसम बदलने का क्रम चल रहा है। लगता है, बारिश और धूप में प्रतियोगिता हो रही है कि कौन कितना अपना प्रभाव दिखा पाएगा। इस मौसम के आपसी प्रतियोगिता के चक्कर में पृथ्वी परह रहने वाले मनुष्यों को परेशानी हो रही है। मौसम बदलने के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सामने आ रही है। इन्हीं में एक है वायरल बुखार। प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने के कारण वायरल बुखार से लोग पीड़ित हो जाते हैं। इस दौरान लोगों को सरदर्द, बुखारके साथ ही शरीर दर्द होना आम सी बात हो जाती है। इसके साथ ही शरीर में काफी कमजोरी भी देखने को मिलती है। तो आइए जानते हैं इस वायरल बुखार के बारें में:-

कैसे पहचाने वायरल बुखार को?

मौसम बदलने के कारण वायरल बुखार इन महीनों में आम सी बीमारी हो जाती है। दरअसल, फ्लू के वायरस हमेशा हमारे आसपास रहते हैं। इन्हें पनपने के लिए बस अनुकूल मौसम की आवश्यकता होती है। इंफ्लूएंजा वायरस को अधिक संक्रामक माना जाता है, जिसके कारण ये एक व्यक्ति से दूसरे में बहुत तेजी से बढ़ता है। इसीलिए वायरल बुखार को लेकर खास ध्यान रखना होता है। साथ ही इसे जल्द से पहचान कर इलाज करना भी जरुरी होता है।

ऐसे पहचाने वायरल बुखार:-

शरीर का उच्च तापमान (99 °F से 103.5 °F; 37.25 °C से 39.5 °C)

ठंड लगना और कंपकंपी महसूस होना

थकान और कमजोरी महसूस होना

सिरदर्द और गले में खराश होना

मांसपेशियों में दर्द और पसीना आना (पसीना आना)

भूख कम लगना

क्या है इसका इलाज?

वायरल बीमारी आमतौर पर कुछ दिनों में बिना किसी दवा के खुद ही ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में डॉक्टरों के द्वारा पैरासिटामोल दवा लेने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही शरीर को आराम देना इस दौरान बहुत जरुरी होता है।

कैसे करें बचाव?

इस दौरान प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार लें।इसके साथ ही नियमित रूप से हाथ धोएं और साफ-सफाई का ध्यान रखें। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें और अपने घर और कार्यस्थल को साफ और हवादार रखें, जिससे बैक्टीरिया और वायरस का प्रसार कम हो सके। यदि आपको एलर्जी की समस्या है, तो उन तत्वों से बचें जो इसे ट्रिगर कर सकते हैं, जैसे परागकण और धूल।साथ ही शरीर को हाइड्रेटेड रखें। पानी और अन्य तरल पदार्थों का नियमित सेवन करें ताकि शरीर से विषाक्तता कम हो सके।

Leave a comment