
नई दिल्ली: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राजनीतिक तकरार में शामिल होने से इनकार करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा नियोजित सरकार विरोधी प्रदर्शन के खिलाफ निर्देश जारी करने के लिए सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। बता दे कि,पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। उनकी संसद की सदस्यता खत्म कर दी गई है।
आपको बता दे कि,यह फैसला आने के तुरंत बाद चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर किसी ने फायरिंग कर दी। यह नहीं पता चल सका कि फायरिंग किसने की है। फायरिंग से जानमाल के नुकसान की भी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे को ब्लॉक कर दिया गया है। इमरान खान के समर्थक इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे के पास इकबाल टाउन में प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे देखते हुए उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
आयोग ने तोशाखाना मामले में इमरान को दोषी ठहराया है। चुनाव आयोग ने इस मामले में 19 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इमरान को भ्रष्ट आचरण का दोषी पाए जाने के बाद उनके खिलाफ विरोध भी शुरू हो गया है। विरोधी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा की अध्यक्षता वाली 4 सदस्यों की बेंच ने इमरान की सदस्यता को लेकर फैसला सुनाया था। फैसले के बाद चुनाव आयोग के दफ्तर की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी लेकिन इसके बाद भी आयोग के बाहर फायरिंग हो गई।
शहबाज सरकार ने की थी शिकायत
अरब देशों की यात्राओं के वक्त वहां के शासकों द्वारा महंगे गिफ्ट मिले थे। इमरान ने इन्हें तोशखाना में जमा करा दिए थे। लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और मुनाफे में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार द्वारा कानूनी अनुमति दी गई थी।
पूर्व प्रधानमंत्री ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपए मिले थे। आरोप हैं कि इमरान खान ने आयकर रिटर्न में इन गिफ्ट्स की बिक्री नहीं दिखाई। विपक्षी सांसदों ने याचिका दाखिल कर इमरान खान की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी।
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