
आतंकियों की शरणस्थली बना पाकिस्तान बेशक दुनिया के सामने आतंकवाद पर कार्रवाई के दावे कर रहा हो, लेकिन हकीकत में वह अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर को लेकर साजिश रच रहा है।
पाकिस्तान गुरुनानक देव के 550वें प्रकाशपर्व के मौके पर विदेशों में मौजूद खालिस्तानी समर्थकों को आने का न्योता दे रहा है पाकिस्तान, गुरुनानक देव के 550वें जन्म दिवस के मौके पर यूएस, यूरोप और कनाडा में मौजूद खालिस्तानी समर्थक के आने को तरजीह दे रहा है।
हाल ही में पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख राशीद अहमद ने एक सार्वजनिक मंच से करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में खालिस्तान समर्थकों को न्यौता देते हुए उनके आने पर खुले दिल से स्वागत की बात कही थी। इससे पहले भी एक इंटरव्यू में शेख रशीद ने कहा था कि करतारपुर का नाम खालिस्तान होना चाहिए।
पाकिस्तान की इन्हीं हरकतों को भारत कई बार मीटिंग में उठा चुका है। यहां तक भारत, करतारपुर में खालिस्तानी गतिविधियों का एक डॉजियर भी पाकिस्तान को दे चुका है, लेकिन पाक है कि मानता नहीं।
करतारपुर कॉरिडोर सिखों के लिए सबसे पवित्र जगहों में से एक है। करतारपुर साहिब सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था। गुरु नानक ने अपनी जिंदगी के आखिरी 17 साल 5 महीने 9 दिन यहीं गुजारे थे। उनका सारा परिवार यहीं आकर बस गया था। उनके माता-पिता और उनका देहांत भी यहीं पर हुआ था। इस लिहाज से यह पवित्र स्थल सिखों के मन से जुड़ा धार्मिक स्थान है।
वहीं, भारत अपनी तरफ बन रहे यात्री टर्मिनल का काम लगभग पूरा करने वाला है। 9 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे और सिख श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को इसी दिन रवाना भी करेंगे। उससे पहले आज भारत ने पाक को समझौते पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव भेजा था। हालांकि, विदेश मंत्रालय की ओर से मंगलवार को कहा गया कि गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी गुरुवार को जीरो प्वॉइंट पर पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलेंगे और भारत की ओर से फाइनल मसौदे पर हस्ताक्षर करेंगे।
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