
नई दिल्ली: दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां 18 साल से कम उम्र के युवा भी वोट डाल सकते है। ऐसे में अब एक और देश इस प्रयास में लगा हैं। जिसका नाम न्यूजीलैंड है। न्यूजीलैंड की एक अदालत ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए बताया कि 16 और 17 साल के किशोरों को भी वोट देने की अनुमति है। अदालत ने कहा कि इस उम्र के किशोरों को वोटिंग का अधिकार न देना इनके साथ भेदभाव के समान है। अदालत ने कहा कि न्यूजीलैंड में उम्र के भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा 16साल से शुरू होती है और इस तरह सिर्फ 18से ऊपर को मतदान का अधिकार देना अन्य के साथ भेदभाव दर्शाता है।
16 साल में वोटिंग पर पीएम का समर्थन
बता दें, कोर्ट के फैसले के बाद न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री का भी बयाना आया है। जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि, ‘कीवी सांसदों को यह तय करने के लिए मतदान करना होगा कि वोटिंग की आयु कम की जानी चाहिए या नहीं।’साथ ही, ‘हमारा मानना है कि संसद में यह ऐसा मुद्दा है, जहां हर कोई अपनी बात रख सकता है।’ हालांकि, ऐसा करने के लिए अर्डर्न और उनकी सरकार को संसद में सर्वोच्च बहुमत हासिल करना होगा। अर्डर्न ने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से मतदान की आयु कम करने का समर्थन करता हूं, लेकिन यह केवल मेरे लिए या यहां तक कि सरकार के लिए भी मामला नहीं है। इस प्रकार के चुनावी कानून में किसी भी बदलाव के लिए 75प्रतिशत सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है।’
प्रस्ताव करने की उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार,आने वाले महीनों में संसद में प्रस्ताव पेश करने की उम्मीद है। हालांकि, नियमों में किया गया कोई भी बदलाव अगले साल होने वाले आम चुनाव के बाद तक लागू नहीं होगा। बता दें कि यदि न्यूजीलैंड मतदान की आयु कम करने में कामयाब होता है, तो वह ऑस्ट्रिया, माल्टा, ब्राजील, क्यूबा और इक्वाडोर की कैटेगरी में शामिल हो जाएगा। इन देशों में 16और उससे अधिक उम्र के लोगों को वोट करने का अधिकार है।
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