इकॉनमी में सेना के दखल के बाद इमरान के आगे नया संकट

इकॉनमी में सेना के दखल के बाद इमरान के आगे नया संकट

दुनिया भर में कश्मीर के मसले पर प्रॉपेगैंडा फैलाने में जुटे पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की अपनी ही कुर्सी हिलती नजर आ रही है।

एक तरफ सेनाध्यक्ष आर्थिक मोर्चे पर अपने अधिकार क्षेत्र से परे कारोबारियों संग मीटिंग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ चरमपंथी नेता फजलुर रहमान भी अब उनके खिलाफ मैदान में उतर आए हैं।

एक समय था, जब इमरान खान ने सेना और चरमपंथी नेताओं का ही साथ लिया था, लेकिन अब ये दोनों ही उनकी राह के कांटे साबित हो रहे हैं। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख फजलुर रहमान ने आजादी मार्च का ऐलान कर उनकी मुसीबतें बढ़ा दी हैं।

हालांकि इमरान खान भारत विरोधी बयानों और कश्मीर राग के जरिए जनता का ध्यान बांटने में लगे हुए हैं। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख फजलुर रहमान ने अपने ‘आजादी’ मार्च को सरकार के खिलाफ ‘जंग’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह तब तक समाप्त नहीं होगा, जबतक इस सरकार का पतन नहीं हो जाता।

रहमान ने 27 अक्टूबर को राजधानी इस्लामाबाद में 'आजादी' मार्च का ऐलान किया है। यही नहीं इमरान खान को कड़ी चेतावनी देते हुए फजलुर रहमान ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि सरकार गिर नहीं जाती।

 

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