
Delhi Blast Case Update:दिल्ली के रेड फोर्ट के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट मामले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का अभियान लगातार जारी है। इस विस्फोट में 15 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हो गए थे, जिसे एक 'व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल' से जोड़ा गया। 01 दिसंबर को NIA ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों में आठ स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें मौलवी इरफान अहमद वागे, डॉक्टर अदील अहमद राथर और मुजम्मिल जैसे संदिग्धों के घर शामिल हैं। यह कार्रवाई रेडिकलाइजेशन, भर्ती और टेरर गतिविधियों से जुड़े नेटवर्क को तोड़ने के प्रयास का हिस्सा है।
ब्लास्ट की घटना और जांच की शुरुआत
बता दें, यह हादसा 10 नवंबर को रेड फोर्ट के नजदीक एक कार में हुए विस्फोट से हुआ, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था। जिसके बाद NIA ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली और जल्द ही जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर संदिग्धों पर शिकंजा कसा। नवंबर की शुरुआत में फरीदाबाद (हरियाणा) में छापेमारी के दौरान करीब 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए गए थे, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। जांच में पता चला कि ब्लास्ट में इस्तेमाल कार उमर नबी नामक व्यक्ति चला रहा था, जो यूनिवर्सिटी से जुड़ा था।
गिरफ्तारियां और संदिग्धों की भूमिका
इस मामले में NIA ने अबतक छह मुख्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। 20 नवंबर को चार प्रमुख आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई (पुलवामा), डॉक्टर अदील अहमद राथर (अनंतनाग), डॉक्टर शाहीन सईद (लखनऊ) और मौलवी इरफान अहमद वागे (शोपियां) को श्रीनगर से हिरासत में लिया गया। ये पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस की हिरासत में थे और टेरर मॉड्यूल से जुड़े होने के शक में पकड़े गए थे। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इन्हें 10 दिनों की NIA हिरासत में भेजा था, जिसे 29 नवंबर को और 10 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया।
इससे पहले, अमीर राशिद अली (कार का मालिक) और जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश (तकनीकी सहायता देने वाला) को गिरफ्तार किया गया था। संदिग्ध डॉक्टरों का अल फलाह यूनिवर्सिटी से कनेक्शन है, जहां वे काम करते थे। NIA का मानना है कि यह 'व्हाइट-कॉलर टेरर' मॉड्यूल पेशेवर लोगों जैसे डॉक्टरों और मौलवियों के जरिए युवाओं को रेडिकलाइज कर रहा था और टेरर फंडिंग व लॉजिस्टिक्स में शामिल था।
NIA की छापेमारी
01 दिसंबर को NIA की टीमों ने जम्मू-कश्मीर में तेज अभियान चलाया। छापेमारी पुलवामा के कोइल, चंदगाम, मलंगपोरा और संबूरा जैसे इलाकों में हुई, जो मुजम्मिल से जुड़े हैं। शोपियां में मौलवी इरफान अहमद वागे के घर पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जो मॉड्यूल में रेडिकलाइजेशन और भर्ती का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। डॉक्टर अदील अहमद राथर के आवास पर भी छापा मारा गया, हालांकि वे पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। कुलगाम जिले में भी कुछ स्थानों पर तलाशी ली गई। कुछ रिपोर्ट्स में छापेमारी की संख्या 10 बताई जा रही है, जिसमें जसीर बिलाल वानी का घर भी शामिल है।
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