
IndiGo Stock Price Drop: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के शेयरों में आज भारी गिरावट देखने को मिली। स्टॉक मार्केट में कारोबार के दौरान शेयर 9%से ज्यादा गिरकर 4,842रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गए, हालांकि बाद में थोड़ी रिकवरी के साथ यह 4,900-5,000रुपये के आसपास बंद हुआ। यह गिरावट पिछले हफ्ते से जारी है, जहां शेयरों में कुल मिलाकर 13-15%की कमी आई है। ऐसे में चलिए जानते है कि क्या निवेशकों को अब खरीदारी करनी चाहिए या नहीं।
इंडिगो के शेयरों की गिरावट
दूसरी तरफ, इंडिगो के शेयरों की गिरावट से कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन में हजारों करोड़ की कमी आई है। दिसंबर की शुरुआत में शेयर 5,837रुपये पर थे, जो अब 15%से ज्यादा गिर चुके हैं। आज का गिरावट सितंबर तिमाही के नतीजों के बाद सबसे बड़ा है, जहां खर्च राजस्व से ज्यादा थे। ब्रोकरेज फर्मों ने टारगेट प्राइस घटाए हैं, और कुछ ने 'रिड्यूस' रेटिंग बरकरार रखी है। अनुमान है कि अगर संकट 15दिनों तक चला, तो FY26की कमाई में 8-9%की कमी आ सकती है
ऐसे में कई एनालिस्ट्स इस गिरावट को 'अस्थायी झटका' मानते हैं। इंडिगो भारत में 60%से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी रखता है। लंबी अवधि में, हवाई यात्रा की मांग मजबूत बनी रहेगी। लेकिन शॉर्ट टर्म में जोखिम हैं, जैसे नियामक जुर्माना, बोर्ड में बदलाव या और उड़ान रद्दीकरण। कुछ विशेषज्ञ बॉटम-फिशिंग यानी गिरावट में खरीदारी से बचने की सलाह दे रहे हैं, जबकि अन्य दो स्टॉक्स की सिफारिश कर रहे हैं। निवेश से पहले व्यक्तिगत सलाह लें, क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है
इंडिगो उड़ानों में भारी अवरोध
बता दें, इंडिगो के शेयरों में यह तेज गिरावट मुख्य रूप से पिछले हफ्ते से जारी उड़ान रद्दीकरण और देरी की वजह से आई है। कंपनी ने हजारों उड़ानें रद्द कीं, जिससे लाखों यात्री प्रभावित हुए। यह संकट दिसंबर की शुरुआत में शुरू हुआ, जब नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के लागू होने के बाद पायलटों की कमी हो गई। FDTL नियम पायलटों की ड्यूटी की सीमा तय करते हैं, ताकि थकान से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके, लेकिन इंडिगो ने इन नियमों के लिए पहले से तैयारी नहीं की, जिससे स्टाफिंग क्राइसिस पैदा हो गया।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस पर सख्त रुख अपनाया और कंपनी के सीईओ पीटर एल्बर्स समेत शीर्ष अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस जारी किया। DGCA ने 24 घंटे में जवाब मांगा था, लेकिन कंपनी की अपील पर इसे एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया। आज शाम 6 बजे तक जवाब देना है। इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट में यात्री राहत के लिए याचिका दायर की गई, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट का कहना है कि यह मामला अब सरकार की निगरानी में है। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। तो वहीं, कंपनी ने अब तक 610 करोड़ रुपये के रिफंड प्रोसेस किए हैं और 3,000 से ज्यादा बैग यात्रियों तक पहुंचाए हैं।
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