
IndiGo Crisis: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो एयरलाइंस हाल ही में एक बड़े संकट से गुजरी है जहां हजारों उड़ानों में देरी और रद्दीकरण ने लाखों यात्रियों को प्रभावित किया। यह संकट 02दिसंबर से शुरू हुआ, जो अभी भी जारी है। इस समस्या ने एयरलाइन की 19साल पुरानी बेदाग छवि पर सवाल खड़े कर दिए। इसी बीच, इंडिगो के चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता ने 10दिसंबर को एक वीडियो संदेश जारी कर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और इसे कंपनी की 'प्रिस्टीन रिकॉर्ड' पर एक 'दाग' बताया। बता दें, इस संकट ने न केवल यात्रियों को निराश किया बल्कि एविएशन सेक्टर में सुरक्षा और प्रबंधन पर बहस छेड़ दी है।
इंडिगो के चेयरमैन का माफीनामा
दरअसल, 10दिसंबर को जारी आठ मिनट के वीडियो में इंडिगो के चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने कहा 'पिछले हफ्ते की घटनाएं इस एयरलाइन की बेदाग रिकॉर्ड पर एक दाग हैं। हमारी कंपनी ने गलती की है। इसमें कोई इनकार नहीं।' उन्होंने यात्रियों की परेशानी को स्वीकारते हुए कहा 'हजारों यात्री फंस गए। कई ने परिवारिक कार्यक्रम, बिजनेस कमिटमेंट्स, मेडिकल अपॉइंटमेंट्स और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन मिस किए। बैगेज में देरी या गुम होने से कितनी तकलीफ हुई, मैं समझता हूं।' मेहता ने जोर दिया कि कंपनी को यात्रियों का विश्वास वापस कमाना होगा, जो शब्दों से नहीं बल्कि संकट को दूर करने से संभव होगा।
मेहता ने आरोपों का खंडन करते हुए साफ तौर पर कहा कि हमने जुलाई और नवंबर में नए पायलट फटीग नियमों का पालन किया और उन्हें बायपास करने की कोई कोशिश नहीं की। बोर्ड कई महीनों से FDTL नियमों पर चर्चा कर रहा था और संकट से कोई जानबूझकर लिंक नहीं है। बताया जा रहा है कि इंडिगो ने संकट पर काबू पाने के लिए बोर्ड की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और एक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाया। जिसके तहत कंपनी अब हर पहलू की जांच करेगी, जिसमें बाहरी तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा ताकि रूट कॉज पता चले और भविष्य में ऐसा न हो। कंपनी के CEO पीटर एल्बर्स के साथ बोर्ड ने संकट के दौरान निकट सहयोग किया। साथ ही, डीजीसीए की जांच में पूरा सहयोग देने का वादा भी किया है।
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