पुराने वाहनों की फिटनेस टेस्ट फीस में भारी उछाल, अब 2.5 हजार नहीं 25,000 तक का करना होगा भुगतान

पुराने वाहनों की फिटनेस टेस्ट फीस में भारी उछाल, अब 2.5 हजार नहीं 25,000 तक का करना होगा भुगतान

Vehicle Fitness Test Fees: केंद्र सरकार ने वाहन फिटनेस टेस्ट की फीस बढ़ा दी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा जारी सेंट्रल मोटर व्हीकल्स (फिफ्थ अमेंडमेंट) रूल्स, 2025के तहत यह बदलाव 18नवंबर से लागू हो चुका है। पुराने वाहनों के लिए फीस में 10गुना तक की बढ़ोतरी हुई है, जिसका सीधा असर 10साल से ज्यादा पुराने निजी और वाणिज्यिक वाहनों के मालिकों पर पड़ेगा। सरकार का उद्देश्य असुरक्षित और प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को सड़कों से हटाना है, लेकिन यह कदम वाहन मालिकों और ट्रांसपोर्टरों के लिए नया सिरदर्द बन गया है।

वाहन की उम्र और प्रकार पर निर्भर नई दरें

बता दें, पहले फिटनेस टेस्ट की फीस अपेक्षाकृत कम थी, लेकिन अब वाहन की उम्र के आधार पर इसे कई श्रेणियों में बांटा गया है। 10साल से ज्यादा पुराने वाहनों के लिए फीस में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है, जो पहले 2,500रुपये तक सीमित थी, अब 25,000रुपये तक पहुंच गई है। यह बदलाव वाहनों को अधिक बार जांच के दायरे में लाने और असफल होने पर स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है।

1. दो-पहिया वाहन (मोटरसाइकिल) जो 10-15साल पुराने वाहन के लिए 200रुपये, 15-20साल पुराने वाहन के लिए 400रुपये और 20साल से ज्यादा पुराने वाहन के लिए 800रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।

2. तीन-पहिया वाहन (ऑटो/रिक्शा) जो 10-15साल पुराने वाहन के लिए 300रुपये, 15-20साल पुराने वाहन के लिए 600रुपये और 20साल से ज्यादा पुराने वाहन के लिए 1200रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। 

3. निजी कार/जीप (4पहिया) जो 10-15साल पुराने वाहन के लिए 500रुपये, 15-20साल पुराने वाहन के लिए 1000रुपये और 20साल से ज्यादा पुराने वाहन के लिए 2,000-2,600रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। 

4. वाणिज्यिक कार/टैक्सी जो 10-15साल पुराने वाहन के लिए 800रुपये, 15-20साल पुराने वाहन के लिए 1600रुपये और 20साल से ज्यादा पुराने वाहन के लिए 3200रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। 

5. ट्रक/लॉरी (हल्के) जो 10-15साल पुराने वाहन के लिए 1500रुपये, 15-20साल पुराने वाहन के लिए 3000रुपये और 20साल से ज्यादा पुराने वाहन के लिए 6000रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। 

6. ट्रक/लॉरी (भारी) जो 10-15साल पुराने वाहन के लिए 2500रुपये, 15-20साल पुराने वाहन के लिए 5000नरुपये और 20साल से ज्यादा पुराने वाहन के लिए 25, 000रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। 

7. बस (20सीटों तक) जो 10-15साल पुराने वाहन के लिए 1,000रुपये, 15-20साल पुराने वाहन के लिए 2,000नरुपये और 20साल से ज्यादा पुराने वाहन के लिए 4,000रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। 

ये दरें राज्यवार थोड़ी भिन्न हो सकती हैं, लेकिन केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आरटीओ और अधिकृत टेस्टिंग सेंटरों पर लागू होंगी। उदाहरण के लिए, 20वर्ष से अधिक पुरानी निजी कार के मालिक को अब 2,000-2,600रुपये चुकाने पड़ेंगे, जबकि भारी ट्रकों के लिए 25,000रुपये की फीस छोटे व्यवसायियों के लिए भारी पड़ सकती है।

क्यों बढ़ाई गई फीस?

सरकार का कहना है कि यह कदम सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक है। भारत में 10वर्ष से अधिक पुराने वाहनों की संख्या करोड़ों में है, जो ब्रेक फेलियर, टायर विस्फोट और उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन करने के कारण दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बनते हैं। 2024के आंकड़ों के अनुसार, पुराने वाहनों से जुड़ी 30%से अधिक दुर्घटनाएं हुईं, जबकि दिल्ली-एनसीआर जैसे क्षेत्रों में BS-III और पुराने इंजनों से प्रदूषण का स्तर 20%ज्यादा है।

MoRTH के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा 'पुराने वाहनों को बनाए रखना न केवल महंगा है, बल्कि सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए खतरा है। यह फीस वृद्धि स्क्रैपिंग नीति को गति देगी, जिससे नए और पर्यावरण-अनुकूल वाहनों को बढ़ावा मिलेगा।' यह बदलाव सितंबर 2025 में प्रस्तावित ड्राफ्ट के बाद अंतिम रूप दिया गया, जिसमें पहले फीस दोगुनी करने का सुझाव था। फरवरी 2025 में एक समान प्रस्ताव को ट्रांसपोर्टर संगठनों के विरोध के बाद वापस ले लिया गया था, लेकिन अब संशोधित रूप में इसे लागू कर दिया गया।

Leave a comment