
ED On Fake Summons Prevention:प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फर्जी समन और 'डिजिटल अरेस्ट' जैसे घोटालों से आम नागरिकों को बचाने के लिए समन जारी करने की प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव किया है। वित्त मंत्री कार्यालय की ओर से आज एक बयान जारी किया गया है, जिसके अनुसार, अब सभी वैध समन सिस्टम-जनरेटेड होंगे, जिनमें QR कोड और एक यूनिक पासकोड शामिल होगा। यह कदम उन बढ़ते मामलों को ध्यान में रखकर उठाया गया है, जहां ठग खुद को ED अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और पैसे ऐंठते हैं।
समन जारी करने की नई प्रक्रिया
ED ने नागरिकों को फर्जी समन से बचाने के लिए एक सरल वेरिफिकेशन सिस्टम शुरू किया है। अगर आपको कोई समन मिलता है, तो निम्न तरीकों से उसकी सत्यता जांचें:
इसके अलावा आप ED की आधिकारिक वेबसाइट https://enforcementdirectorate.gov.in पर जाकर 'Verify Your Summons' ऑप्शन पर क्लिक करें। यहां समन नंबर और पासकोड डालकर जांच कर सकते हैं। लेकिन रखें कि वेरिफिकेशन सुविधा वीकेंड या सार्वजनिक छुट्टियों को छोड़कर समन जारी होने के 24 घंटे बाद सक्रिय होती है।
फर्जी समन बना ठगी का हथियार
बता दें, यह बदलाव इसलिए जरूरी हो गया क्योंकि हाल के महीनों में फर्जी समन के जरिए कई लोग ठगी का शिकार हुए हैं। ठग अक्सर वीडियो कॉल या मैसेज के माध्यम से 'डिजिटल अरेस्ट' का डर दिखाकर पैसे मांगते हैं, लेकिन ED ने स्पष्ट किया है कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कोई 'डिजिटल' या 'ऑनलाइन' गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। गिरफ्तारी हमेशा कानूनी प्रक्रिया के बाद व्यक्तिगत रूप से की जाती है।
ED ने नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को ED अधिकारी बताकर पैसे मांगे, वीडियो कॉल पर सहयोग करने को कहे या 'डिजिटल अरेस्ट' का डर दिखाए, तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें। क्योंकि एजेंसी कभी भी फोन या वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी नहीं करती और न ही पैसे ट्रांसफर करने की मांग करती है। ऐसे मामलों में सतर्क रहना और आधिकारिक चैनलों से सत्यापन करना जरूरी है।
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