दिवाली की रात लखनऊ और दिल्ली में हवा की गुणवत्ता हुई खराब, खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI; जानें लेटेस्ट अपडेट

दिवाली की रात लखनऊ और दिल्ली में हवा की गुणवत्ता हुई खराब, खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI; जानें लेटेस्ट अपडेट

Diwali AQI 2025: दिवाली की रात रोशनी और पटाखों की चकाचौंध के बीच हवा में घुला धुआं अब शहरों को घेर रहा है। 20अक्टूबर को दिवाली के बाद, लखनऊ और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में भारी गिरावट दर्ज की गई है। रात के समय लखनऊ का AQI 1317दर्ज किया गया। जबकि दिल्ली का AQI 991औऱ नोएडा का AQI 777दर्ज किया गया। हालांकि सुबह के समय एयर क्वालिटी में थोड़ा-सा सुधार देखा गया। लेकिन आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है। इस बीच, सरकार पर AQI डाटा को छिपाने या गलत तरीके से मॉनिटर करने के आरोप लग रहे हैं, जो प्रदूषण की असली तस्वीर को धुंधला कर सकते हैं।

दिवाली की रात प्रदूषण की चादर

दिवाली की शाम से रात तक पटाखों के कारण हवा में PM2.5और PM10जैसे कणों की मात्रा में तेज उछाल आया। लखनऊ में, 20अक्टूबर की रात को AQI 1300से ऊपर पहुंच गया। जो आधी रात के आसपास दर्ज किया गया। दिल्ली में भी स्थिति बदतर रही, जहां AQI 900से ज्यादा बताया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों के धुएं, मौसमी बदलाव और स्टबल बर्निंग जैसे कारकों ने प्रदूषण को बढ़ावा दिया।

अब कितनी जहरीली है हवा?

21अक्टूबर 2025की दोपहर तक, लखनऊ का AQI 170 (अस्वास्थ्यकर) पर स्थिर है, जिसमें PM2.5की मात्रा 82 µg/m³और PM10की 128 µg/m³दर्ज की गई।  यह स्तर पिछले 24घंटों में न्यूनतम 141 (खराब) से लेकर अधिकतम 454तक रहा। दिल्ली में AQI 350-360के आसपास घूम रहा है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है।  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों जैसे आनंद विहार और बवाना में AQI 400से ऊपर पहुंच गया है, जो 'गंभीर' स्तर है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि इतने ऊंचे AQI पर सांस की बीमारियां, आंखों में जलन और हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के मुताबिक, AQI 50से नीचे सुरक्षित होता है, लेकिन यहां यह कई गुना ज्यादा है।

सरकार पर डाटा छिपाने के आरोप

प्रदूषण की इस स्थिति के बीच, सरकार पर AQI डाटा को सही तरीके से न मॉनिटर करने या छिपाने के गंभीर आरोप लग रहे हैं। हाल ही में एक 12वीं कक्षा के छात्र अदिथ कुमार की RTI से खुलासा हुआ कि दिल्ली में कई AQI मॉनिटरिंग स्टेशन CPCB के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रखे गए हैं।

उदाहरण के लिए, कुछ स्टेशन जंगलों के पास या ऐसी जगहों पर हैं जहां प्रदूषण कम दिखता है, जिससे असली AQI कम आंकलन होता है।  यह खुलासा दिवाली से ठीक पहले आया, लेकिन अब प्रदूषण के चरम पर सवाल उठा रहा है कि क्या आधिकारिक आंकड़े पूरी सच्चाई बयान कर रहे हैं? विपक्षी दल जैसे AAP ने भी सरकार पर बहाने बनाने और कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है।  हालांकि सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मॉनिटरिंग सिस्टम में सुधार की जरूरत है ताकि डाटा पारदर्शी और सटीक हो।

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