Diwali Sales Record: दीपावली का त्योहार समृद्धि, उजाले और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इस साल 2025में यह त्योहार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक नया आयाम स्थापित करने वाला साबित हुआ है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दीपावली के दौरान देशभर में कुल बिक्री रिकॉर्ड 6.05लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल के 4.25लाख करोड़ रुपये से पूरे 25प्रतिशत ज्यादा है। यह आंकड़ा न केवल उपभोक्ता विश्वास की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि GST सुधारों, स्वदेशी अभियान और ग्रामीण बाजारों के विस्तार का भी सबूत पेश करता है।
वस्तुओं और सेवाओं का योगदान
CAIT की रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा 60प्रमुख वितरण केंद्रों पर किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि इस बिक्री में वस्तुओं पर 5.40लाख करोड़ रुपये और सेवाओं पर 65,000करोड़ रुपये का खर्च हुआ। नवरात्रि (29सितंबर) से दीपावली (20अक्टूबर) तक चले इस अवधि में मेट्रो शहरों के अलावा टियर-2और टियर-3शहरों तथा ग्रामीण इलाकों ने भी योगदान दिया। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों ने कुल बिक्री का लगभग 28प्रतिशत हिस्सा जोड़ा, जो बाजार की गहराई बढ़ने का संकेत है।
बता दें, ट्रेडर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (TCI) 7.8से बढ़कर 8.6और कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (CCI) 8.4पर पहुंच गया। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेजन इंडिया ने 276करोड़ ग्राहक विजिट्स रिकॉर्ड किए, जिसमें प्रीमियम स्मार्टफोन्स (30,000रुपये से ऊपर) की बिक्री में 30प्रतिशत की वृद्धि हुई। ऑनलाइन ऑर्डर वॉल्यूम 24प्रतिशत बढ़ा, जबकि कुल मर्चेंडाइज वैल्यू में 23प्रतिशत की उछाल आया।
सोना-चांदी बाजार भी जगमगाया
धनतेरस के मौके पर उपभोक्ताओं ने धातु बाजार में भी जोरदार खरीदारी की। CAIT की रिपोर्ट की मानें तो सोना और चांदी पर कुल खर्च 60,500करोड़ रुपये रहा, जो कुल बिक्री का लगभग 10प्रतिशत है। हालांकि वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें 60प्रतिशत बढ़ चुकी हैं - 10ग्राम सोना 1,30,000रुपये से ऊपर पहुंच गया, फिर भी खरीदारों ने सिक्कों, बार्स और हल्के आभूषणों की ओर रुख किया। चांदी की बिक्री पिछले वर्ष से दोगुनी हो गई, क्योंकि यह ज्यादा किफायती विकल्प साबित हुई।
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) के अनुसार, दिवाली के दौरान 50-60 टन आभूषणों की बिक्री हुई, जिसकी वैल्यू 85,000 करोड़ रुपये रही। पूरे पांच दिवसीय उत्सव (धनतेरस से भाई दूज तक) में यह आंकड़ा 1 से 1.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। दिल्ली के बुलियन मार्केट में अकेले 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई, जो पिछले साल से 25 प्रतिशत अधिक है।
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