TMC से सस्पेंड होने के बाद हुमायूं कबीर के बिगड़े बोल, ममता बनर्जी को दे डाली धमकी; बोले - 2026 में CM...

TMC से सस्पेंड होने के बाद हुमायूं कबीर के बिगड़े बोल, ममता बनर्जी को दे डाली धमकी; बोले - 2026 में CM...

Mamata Banerjee Threat:पश्चिम बंगाल की राजनीति में तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपने विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी से सस्पेंड कर दिया, जिसके जवाब में कबीर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला। 04 दिसंबर को जारी सस्पेंशन के तुरंत बाद कबीर ने कहा कि ममता बनर्जी 2026 के विधानसभा चुनावों में सीएम नहीं बन पाएंगी। यह बयान न केवल TMC की आंतरिक कलह को उजागर करता है, बल्कि पार्टी की एकजुटता पर सवाल भी खड़े कर रहा है। कबीर ने अपनी नई राजनीतिक यात्रा की घोषणा भी कर दी, जो बंगाल की सियासत को नया मोड़ दे सकती है।

'ममता एक्स-सीएम होंगी' - हुमायूं कबीर

सस्पेंशन के बाद कबीर ने मीडिया से बातचीत में ममता बनर्जी को निशाना बनाया। उन्होंने कहा 'वह 2026 में एक्स-चीफ मिनिस्टर होंगी।' यह बयान TMC के नेतृत्व पर सीधी चुनौती है, जहां कबीर ने पार्टी के 'सेक्युलरिज्म पर डबल स्टैंडर्ड' का आरोप लगाया। कबीर ने स्पष्ट किया कि वे अपने बयानों पर अडिग हैं और बाबरी मस्जिद की नींव रखने का फैसला करेंगे।

इसके अलावा कबीर ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने की योजना का ऐलान किया। 22 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में इसकी घोषणा होगी, और वे भरतपुर से विधायक पद से इस्तीफा देकर स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि उनकी नई पार्टी 135 सीटों पर लड़ेगी, और TMC को 'शॉट गिवन' मिलेगा। कबीर ने ममता और अभिषेक बनर्जी के प्रति कोई व्यक्तिगत शत्रुता न होने का दावा किया, लेकिन पार्टी की नीतियों की आलोचना की।

बाबरी मस्जिद का मुद्दा बना ट्रिगर

हुमायूं कबीर भरतपुर विधानसभा क्षेत्र से TMC के विधायक हैं। उन्होंने हाल ही में अपने विवादास्पद बयानों की वजह से सुर्खियों में आए। उन्होंने बाबरी मस्जिद की प्रतिकृति बनाने का वादा किया था, जिसे पार्टी ने 'कम्युनल पॉलिटिक्स' का आरोप लगाते हुए अस्वीकार किया। TMC के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि यह बयान भाजपा के इशारों पर दिया गया था, जो 2026 चुनावों से पहले सामाजिक तनाव पैदा करने का प्रयास था। सस्पेंशन की घोषणा ममता बनर्जी की मंजूरी से हुई, और पार्टी ने इसे आंतरिक अनुशासन का मामला बताया।

इससे पहले, राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कबीर की 'प्रिवेंटिव अरेस्ट' की सिफारिश की थी, क्योंकि उनके बयानों से कानून-व्यवस्था को खतरा माना गया। कबीर ने सस्पेंशन को 'राजनीतिक साजिश' करार देते हुए कहा कि TMC अल्पसंख्यकों को धोखा दे रही है। यह घटना TMC के लिए सिरदर्द बढ़ा रही है, खासकर जब पार्टी 2026 चुनावों की तैयारी में जुटी है।

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