नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन हंगामे के साथ लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. इसी हंगामे के बीच पीएम मोदी ने दोनों सदनों को संबोधित किया है. राज्यसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब देश के किसान परिवार के बच्चे मंत्री बनकर सदन में उनका परिचय हो रहा है तो कुछ लोगों को बड़ी पीड़ा हो रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज इस सदन में मंत्री बनी महिलाओं का परिचय हो रहा है तो वो कौन सी महिला विरोधी मानसिकता है. जिसके कारण सदन में उनका नाम सुनने को भी तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ये कौन सी मानसिकता है जो दलितों, आदिवासियों, किसान के बेटे का गौरव करने को तैयार नहीं है? इस प्रकार की मानसिकता पहली बार सदन ने देखी है.
राज्यसभा से पहले पीएम मोदी ने लोकसभा को भी संबोधित किया है. लोकसभी को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला उनका परिचय करने का आनंद होता है.
वहीं संसद सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि इस महामारी ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिया हुआ है इसलिए हम चाहते हैं कि संसद में भी इस महामारी के संबंध में सार्थक चर्चा हो. उन्होंने कहा कि सभी व्यावहारिक सुझाव सभी सांसदों से मिलें ताकि महामारी के खिलाफ लड़ाई में नयापन आ सके और कमियों को भी ठीक किया जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि ये सदन परिणामकारी, सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो, देश की जनता जो जवाब चाहती है वो जवाब देने की सरकार की पूरी तैयारी है. उन्होंने कहा कि मैं सभी सांसदों और राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि वो तीखे से तीखे सवाल पूछें लेकिन सरकार को शांत वातावरण में जवाब देने का मौका भी दें.
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