
नई दिल्ली: देश इराक में भी श्रीलंका जैसा हाल देखने को मिल रहा है। बता दें कि बीते दिन देश की शक्तिशाली पार्टी के नेता शिया धर्मगुरू मुक्तदा अल-सदर ने राजनीति से संन्यास ले लिया है। जिसके बाद उनके समर्थकों और ईरान समर्थक के बीच झड़प देखने को मिली। जिसकी चपेट मेंआने से करीबन 20लोगों की मौत की खबरें सामने आई है और 19अन्य घायल हो गए है जिनका नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
दरअसल इराक में नई सरकार बनाने को लेकर बीते एक महीने से विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। शिया धर्मगुरु के समर्थक इराक में दशकों के संघर्ष और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। धर्मगुरु इराक की राजनीति पर अमेरिका व ईरान का प्रभाव खत्म करने के पक्ष में थे। वे संसद भंग कर जल्दी चुनाव कराने की भी मांग कर रहे थे। इस बीच, अचानक उन्होंने ट्वीट किया कि - मैं राजनीति छोड़ रहा हूं। हालांकि, सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थान खुले रहेंगे।
राजनीति छोड़ने का फैसला चौंकाने वाला इसलिए है, क्योंकि उनकी पार्टी इस समय इराकी संसद में सबसे बड़ी पार्टी है। राजनीति छोड़ने का एलान किया, उनके समर्थकों में गुस्सा फूट पड़ा। इसके बाद इनकी ईरान समर्थकों से भिड़ंत हो गई। बगदाद की सड़कों पर पथराव शुरू हो गया। इसके बाद कई जगहों पर गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी। जिसके बाद उनके समर्थकों और ईरान समर्थक के बीच झड़प देखने को मिली। जिसकी चपेट में आने से करीबन 20लोगों की मौत की खबरें सामने आई है और 19अन्य घायल हो गए है जिनका नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्तूबर में इराक में चुनाव हुए थे। इसमें उनकी पार्टी ने 329में 73संसदीय सीटें जीती थी, लेकिन सदर ने दूसरे दलों के साथ गठबंधन सरकार बनाने से इनकार कर दिया था। इराक में अभी निवर्तमान प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी देश का कामकाज संभाले हुए हैं।
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