
नई दिल्ली: ईरान में हिजाब मामले में एक युवती के मौत के बाद बवाल मच गया है और यह मामला अब आग की तरह फैलता जा रहा है। दरअसल, हिजाब पहनने से इनकार के बाद एक युवती की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई, इसके बाद ईरान की महिलाएं भड़की हुई है। यहां तक कि अपना विरोध दर्ज कराने के लिए महिलाएं हिजाब को जला रही है और महिलाएं तो अपने लंबे बाल भी काट रही है।इस दौरान दीवानदारेह शहर में पांच लोग मारे गए। उनका कहना है कि वे अपने गुस्से का इजहार इसी तरह कर रही हैं और करेंगी।
कैसे हुई महसा अमीनी की मौत?
बता दें कि, 22 साल की महसा अमीनी को हिजाब ना पहनने की वजह से 13 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और पुलिस पिटाई के बाद वो कोमा में चली गई थी, जिसके तीन दिन बाद महसा अमीनी की मौत हो गई। महमा अमीनी परिवार के साथ तेहरान घूमने गई थी, लेकिन अंदाजा नहीं था कि हिजाब न पहनने की कीमत जान देकर चुकानी होगी। चश्मदीदों का कहना है कि मंगलवार को हिजाब न पहनने के जुर्म में धार्मिक मामलों की पुलिस ने महसा अमीनी को गिरफ्तार किया, वैन में डाला और बुरी तरह पिटाई की. इसके बाद खबर आई कि उनकी मौत हो गई।
पुलिस कर रही आरोपों का खंडन
हालांकि ईरान की पुलिस तमाम आरोपों का खंडन कर रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि महसा अमीनी की मौत हार्ट फेलियर से हुई। जहां एक तरफ इस मामले ने मानवाधिकार और महिलाओं की आजादी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए है। वहीं दूसरी ओर दुनिया भर में हो रही आलोचना से ईरान सरकार को भी गंभीर हो चुकी है। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने गृह मंत्रालय को महसा अमीनी की मौत की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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