Interim Budget 2024: कर राहत बढ़ने की उम्मीद नहीं, इस बार के बजट से क्या हैं उम्मीदें?

Interim Budget 2024: कर राहत बढ़ने की उम्मीद नहीं, इस बार के बजट से क्या हैं उम्मीदें?

Interim Budget 2024: 1 फरवरी को देश का अंतरिम बजट आने वाला है। इसका इंतजार हर भारतीय कर रहा है। हालांकि अंतरिम बजट नई सरकार के कार्यभार संभालने तक आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने पर केंद्रित होता है, लेकिन कई प्रमुख उम्मीदें बनी रहती हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि इस अंतरिम बजट से लोगों को क्या उम्मीदें रखनी चाहिए और क्या उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए।

शीर्ष उम्मीदें:

वेतनभोगी करदाता: उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने के लिए आयकर स्लैब या कटौती में वृद्धि हो सकती है।

किसान: ग्रामीण आय का समर्थन करने के लिए पीएम किसान भुगतान में निरंतरता या वृद्धि हो सकती है।

बुनियादी ढाँचा: बुनियादी ढाँचे के विकास पर जोर दिया जा सकता है, विशेष रूप से रेलवे, सड़कों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में।

शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल: सामाजिक कल्याण को बढ़ाने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के लिए आवंटन में वृद्धि की जा सकती है।

एमएसएमई: उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए सहायता उपाय दिया जा सकता है।

डिजिटल अर्थव्यवस्था: डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाने के लिए नई नीतियां लाई जा सकती है।

हरित ऊर्जा: स्वच्छ ऊर्जा संसाधनों और नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर जोर दिया सकता है।

वहीं कुछ चीजें ऐसी हैं जो किसी को अंतरिम बजट 2024 से उम्मीद नहीं करनी चाहिए:

क्रांतिकारी सुधार: इसकी अस्थायी प्रकृति को देखते हुए, अंतरिम बजट में बड़े नीतिगत बदलाव या संरचनात्मक सुधार पेश करने की संभावना नहीं है। इनके लिए आमतौर पर विस्तृत योजना और कार्यान्वयन की आवश्यकता होती है, जो सीमित समय सीमा के भीतर संभव नहीं होगा।

लोकलुभावन योजनाएँ: हालाँकि मौजूदा योजनाओं में कुछ बदलाव संभव हैं, लेकिन मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर कल्याणकारी कार्यक्रम या लोकलुभावन पहल की संभावना नहीं है।

कर सुधार: आयकर स्लैब, कटौती या छूट में बड़े बदलाव की उम्मीद न करें। छोटे-मोटे समायोजन या युक्तिसंगतीकरण संभव हैं, लेकिन सरकार पूर्ण बजट से पहले जटिल ओवरहाल से बचती है।

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