भारत से दूरी...पाकिस्तान को हथियार, जयशंकर ने दिखाया US को आईना

भारत से दूरी...पाकिस्तान को हथियार, जयशंकर ने दिखाया US को आईना

कैनबरा: भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा रूसी हथियारों के इस्तेमाल का बचाव करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को पश्चिमी देशों पर सैन्य तानाशाही के लिए निशाना बनाया है। उन्होंने ये टिप्पणी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए की, जब दोनों मंत्रियों ने 13वें विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता (FMFD) आयोजित की थी।

रूस के साथ हमारे पुराने संबंध हैं

आपको बता दे कि जयशंकर ने कहा, "रूस के साथ हमारे लंबे समय से संबंध हैं, और इस संबंध ने हमारे हितों की अच्छी तरह से सेवा की है। हमारे पास सोवियत और रूसी मूल के हथियारों की पर्याप्त सूची है।" दशकों से भारत के लिए हथियार और वास्तव में हमारे बगल में सैन्य तानाशाही को एक पसंदीदा भागीदार के रूप में देखा है।" जयशंकर ने आगे कहा कि, "अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में, हम ऐसे निर्णय लेते हैं जो हमारे भविष्य के हितों और वर्तमान स्थिति को दर्शाते हैं।" जयशंकर ने सोमवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर इसके प्रभावों पर व्यापक चर्चा की थी।

पश्चिम ने सालों तक पाकिस्तान को हथियार दिए है

जयशंकर ने कहा, 'पश्चिम ने सालों तक पाकिस्तान को हथियार दिए, लेकिन भारत को नहीं। अब वे भारत को रूस से हथियार खरीदना बंद करने के लिए कह रहे हैं। मास्को कई सालों से नई दिल्ली के साथ खड़ा रहा है।' रूस के साथ हमारे लंबे समय से संबंध रहें हैं और इस संबंध ने हमारे हितों की अच्छी तरह पूरा किया है। हमारे पास सोवियत और रूसी मूल के हथियारों की पर्याप्त मात्रा है।'

विदेश मंत्री ने कैनबरा में ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ 13वीं विदेश मंत्री फ्रेमवर्क डायलॉग (FMFD) के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'पश्चिम ने दशकों तक भारत को हथियारों की सप्लाई नहीं की। वास्तविकता यह है कि हमारे बगल का सैन्य तानाशाह उनका पसंदीदा साझेदार रहा। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हम वही फैसले करते हैं जो हमारे भविष्य के हितों और वर्तमान स्थिति के हिसाब से हों।'

कनाडा के सामने समय-समय पर रखा है खालिस्तानी मुद्दा

खालिस्तानी मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि हमने समय-समय पर यह मामला कनाडा की सरकार के सामने रखा है। हमने यह बात रखी है कि लोकतांत्रिक देशों में जो आजादी मिली है, उसका दुरुपयोग उन ताकतों की ओर से नहीं होना चाहिए जो हिंसा और कट्टरता का साथ देते हैं। जयशंकर ने कहा कि हमें ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंधों को और मजबूत करना जारी रखना होगा। हम अगले साल बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के महावाणिज्य दूतावास खोलने की उम्मीद कर रहे हैं। हमने कई क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण खनिज, साइबर, नई और नवीकरणीय ऊर्जा आदि में काम किया और हमारे साथियों ने जो काम किया उसको एकीकृत किया है। इस साल के जून से अब तक मेरे 6 साथियों (केंद्रीय मंत्रियों) ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया है।

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