
नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका की हालत बद से बदतर होती जा रही है। रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं। इसके साथ ही पूरे देश में बुधवार के दिन 10 घंटे की बिजली कटौती की गई है। बिजली कटौती का कारण पेट्रोलियम ईंधन की भारी कमी को बताया जा रहा है। साथ ही श्रीलंका में खाने-पीने की चीजों के साथ सभी जरूरी सामानों की काफी किल्लत है।
श्रीलंका में बिजली उत्पादन अधिकांश कोयले और तेल से होता है। इन दोनों ही चीजों के लिए श्रीलंका आयात पर निर्भर है। लेकिन देश का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो गया है जिस कारण सभी जरूरी चीजों के साथ-साथ इनका आयात भी नहीं हो पा रहा है। इस बीच सरकार के स्वामित्व वाली खुदरा ईंधन विक्रेता कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसी) ने कहा कि देश में कम से कम दो दिनों तक डीजल नहीं रहेगा।
साथ ही लंका में दवा की भारी किल्लत है। पैरासिटामोल की 10 गोली ₹450 में रुपये में मिल रही है। साथ ही दवा की दुकानों और अस्पतालों में भी काफी कमी है। कई दवा तो उपलब्ध भी नहीं है। जिसकी वजह लोगों का जीना भी दूभर हो गया है। साथ ही दवाओं की कमी के कारण अस्पताल में सर्जरी को भी रोक दिया गया है। जिससे कई मरीजों की जान जाने का खतरा भी बढ़ गया है।
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