मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, दो समुदायों के बीच हुई गोलीबारी

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, दो समुदायों के बीच हुई गोलीबारी

Manipur Violence: मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के कारण रविवार सुबह ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी हुई। मामले की जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना तब हुई जब इम्फाल घाटी के कांगपोकपी जिले के पास की पहाड़ियों से कई दर्जन लोगों ने कौत्रुक गांव पर अंधाधुंध गोलीबारी की।

पुलिस ने बताया कि इस अंधाधुंध गोलीबारी के कारण कथित तौर पर कुछ गोलियों से ग्रामीणों के घरों की दीवारें टूट गईं, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को पास के सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है। पुलिस ने कहा कि गांव में मोर्टार के गोले भी दागे जा रहे हैं, जिन्हें 'पम्पी' के नाम से जाना जाता है, जिससे निवासियों में दहशत फैल गई है।

मणिपुर में फिर फायरिंग

हमले के बाद, कौत्रुक गांव के स्वयंसेवकों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसके कारण गोलीबारी हुई, पुलिस अधिकारी ने कहा, स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा कर्मियों को क्षेत्र में भेजा जा रहा है। हालांकि, पुलिस ने बताया कि खबर लिखे जाने तक मुठभेड़ जारी थी। 26 अप्रैल की सुबह 2:15 बजे मणिपुर में उग्रवादी हमला हुआ। हमले में सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के दो जवान शहीद हो गए। यह घटना नारानसेना इलाके में हुई। जानकारी के मुताबिक यह हमला कुकी उग्रवादियों ने किया है।

पिछले साल से चल रही है जंग

पिछले साल 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी, जब दो जातियों कुकी और मैतेई के बीच संघर्ष शुरू हो गया था। जिसके बाद ये संघर्ष अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें, कौत्रुक गांव हमलों के लिहाज से सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक माना जाता है। पिछले साल 3 मई के बाद से इंफाल घाटी में मेइतेई और पास की पहाड़ियों में कुकी लोगों के बीच जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

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