
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच तनाव की बात किसी से छुपी नहीं है, दोनों ही देशों ने समय-समय पर एक दूसरें से आखे दिखाते रहते है। वहीं अब उत्तराखंड में चीन सीमा से 100 किमी दूर भारत और अमेरिका का सैन्य अभ्यास चल रहा है। इस युद्धाभ्यास के चलते चीन के ऊपर भारी दबाव बना हुआ हैऔर अब चीन ने इसे LACके करीब सैन्य अभ्यास भारत और चीन के बीच बॉर्डर समझौतों की भावना का उल्लंघन बता रहा है। वहींभारत की तरफ से इस युद्धाभ्यास का मकसद शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के बीच अपनी विशेषज्ञता को साझा करना है।
यह पहली बार है जब अमेरिका और भारत LAC के इतने करीब
आपको बता दे कि,यह पहली बार है जब अमेरिका और भारत LAC के इतने करीब युद्धाभ्यास कर रहे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'चीन-भारत सीमा पर LAC के करीब भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 1993 और 1996 में चीन और भारत के बीच समझौते की भावना का उल्लंघन है।' पाकिस्तान के एक पत्रकार ने इसे लेकर जब सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, 'यह चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास को पूरा नहीं करता है।'
वहीं यह दिलचस्प है कि चीन के विदेश मंत्रालय ने 1993 और 1996 के समझौतों का जिक्र किया है। क्योंकि जब 2020 में पूर्वी लद्दाख में सीमा के पास चीन ने अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई थी, तब भारत ने तब इन्हीं समझौतों का जिक्र किया था। तब भारत ने इसे द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन बताया था। अमेरिका और भारत की सेनाओं के बीच तकनीक और रणनीति का आदन-प्रदान करने के उद्देश्य से हर साल यह युद्धाभ्यास आयोजित किया जाता है।
भारतीय सेना ने 19 नवंबर को किया था ट्वीट
भारतीय सेना ने 19 नवंबर को ट्वीट किया था, 'भारत-अमेरिका के बीच संयुक्त युद्ध अभ्यास का 18वां संस्करण आज से औली में शुरू हुआ। संयुक्त अभ्यास का उद्देश दोनों सेनाओं के बीच शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में विशेषज्ञता साझा करना है।' अधिकारियों ने कहा कि अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में अमेरिका में आयोजित किया गया था। इससे पहले अगस्त में भी चीनी सेना ने इस युद्धाभ्यास को लेकर चिंता जताई थी।
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