INDIA IN UN: जैविक हथियारों के दुरुपयोग के बढ़ते खतरे को लेकर भारत ने किया दुनिया को सतर्क

INDIA IN UN: जैविक हथियारों के दुरुपयोग के बढ़ते खतरे को लेकर भारत ने किया दुनिया को सतर्क

नई दिल्लीभारत ने कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में जैविक एजेंट व रसायनों के बतौर हथियार दुरुपयोग के बढ़ते खतरे को लेकर पूरी दुनिया को सतर्क किया है। भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में सलाहकार ए. अमरनाथ ने मंगलवार को कहा कि, आतंकियों व सरकार से इतर तत्वों की सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) तक पहुंच से अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

बता दे कि, परमाणु, रासायनिक और जैविक हथियारों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए बनाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1540 समिति (रेजोल्यूशन 1540) के एक सत्र में अमरनाथ ने कहा- इंटरनेशनल कम्यूनिटी को इन जैविक हथियारों के तेजी से बढ़ने पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। मिसाइलों और मानव रहित हवाई प्रणालियों (UAV) जैसी प्रणालियों तक आतंकवादियों की पहुंच ने आतंकवाद में WMD के उपयोग का खतरा बढ़ा दिया है। इसी तरह, कोरोना काल में केमिस्ट्री और बायोलॉजी में प्रोग्रेस के साथ वायरस और केमिकल का हथियारों के रूप में दुरुपयोग का खतरा बढ़ गया है। इन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की जरूरत है।

अमरनाथ ने कहा कि आतंकी व अपराधी समूहों के पास मिसाइल व मानव रहित विमानों की उपलब्धता ने डब्ल्यूएमडी के उपयोग के जरिये आतंकी वारदातों के खतरों को बढ़ा दिया है। इसी तरह, कोरोनाकाल में रसायन व जीव विज्ञान में प्रगति के साथ जैविक एजेंट व रसायनों का हथियारों के रूप में दुरुपयोग का जोखिम भी बढ़ गया है। इनपर विचार-विमर्श करने व समिति द्वारा सदस्य राष्ट्रों की मदद का रास्ता तलाशने के लिए यह खुला परामर्श एक उपयोगी मंच होगा।

जानकारी के लिए बता दे कि, सुरक्षा परिषद ने रेजोल्यूशन 1540 को साल 2004 में अपनाया था। रेजोल्यूशन 1540 में आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों को सरकार से इतर उन प्रमुख तत्वों के रूप में पहचाना जाता है, जो सामूहिक विनाश के हथियारों और उनकी आपूर्ति के साधनों का उपयोग कर सकते हैं। इस प्रस्ताव के मुताबिक, सभी देश आतंकवादी उद्देश्यों से प्रेरित व्यक्तियों या संगठनों को किसी भी प्रकार का समर्थन देने से बचेंगे।  

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