
Haryana Winter Session: हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सियासी हलचल शुरू हो गई। बुधवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सीएम नायब सिंह सैनी केसरिया रंग की पगड़ी पहनकर विधानसभा पहुंचे। पहले दिन ही विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसे विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण ने स्वीकार कर लिया। इस प्रस्ताव पर शुक्रवार, 19 दिसंबर को सदन की दूसरी बैठक में चर्चा होगी।
22 दिसंबर तक चलेगा ये सत्र
सत्र की शुरुआत में मंत्री अनिल विज ने नेता प्रतिपक्ष बनने पर भूपेंद्र हुड्डा को बधाई दी। उन्होंने शायरी के अंदाज में कहा कि हवाएं लाख मुखालिफ हो, दिया वही जलेगा जो जिद पर अड़ा है। अनिल विज के इस बयान को सदन में खासा ध्यान मिला। इसके बाद सीएम नायब सिंह सैनी ने सदन में शोक प्रस्ताव रखा, जिसे सभी सदस्यों की सहमति से पारित कर दिया गया। इस शोक प्रस्ताव के माध्यम से दिवंगत व्यक्तियों को श्रद्धांजलि दी गई। शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कुल तीन बैठकें होंगी।
राजनीति में तनाव बढ़ने की संभावना
कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सरकार के खिलाफ विरोध का बड़ा कदम माना जा रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि मौजूदा सरकार की नीतियां और कार्यप्रणाली जनहित के खिलाफ हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार कई अहम मुद्दों पर विफल रही है, इसलिए उस पर सदन में चर्चा जरूरी है। इससे पहले भी कांग्रेस सरकार की आलोचना करती रही है, लेकिन अब यह मुद्दा औपचारिक रूप से विधानसभा में उठाया गया है। स्पीकर द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के बाद प्रदेश की राजनीति में तनाव बढ़ने की संभावना है। माना जा रहा है कि सदन में इस प्रस्ताव पर जोरदार बहस होगी, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने होंगे और अपनी-अपनी दलीलें रखेंगे।
सीएम नायब सैनी ने कही ये बात
वहीं, इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विपक्ष सदन का समय बढ़ाने की बात कर रहा है। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र के बाद 6 महीने के भीतर दूसरा सत्र बुलाना अनिवार्य होता है। 26 फरवरी को छह महीने पूरे होते, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने शीतकालीन सत्र बुलाया। सीएम ने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार के समय कम सत्र बुलाए जाते थे।
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