
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि दुनिया के लिए जीडीपी जितनी जरूरी है उतनी ही जरूरी ग्रोस हैप्पीनेस है।
प्रणब मुखर्जी का बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था के मुश्किल में होने की चर्चा है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आज दुनिया सिर्फ ग्रोस डोमेस्टिक प्रोडेक्ट (जीडीपी) पर ही बात नहीं कर रही है बल्कि उसे कुछ और चाहिए। एक नया विचार सामने आया है कि जीडीपी जरूरी है लेकिन उसके साथ ही ग्रोस हैप्पीनेस भी जरूरी है और इसकी बुनियाद शिक्षा है।
पूर्व राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार शाम एनडीएमसी कंवेंशन सेंटर में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की पुस्तक का विमोचन करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत उनकी कैबिनेट, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक मौजूद रहे।
शिक्षा नाम की पुस्तक की तारीफ करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि कोई सिद्धांत न होने की वजह से यह किताब बेहतर है। इसमें ऐसी बातों पर रोशनी डाली गई है, जिन पर हकीकत में काम हो रहा है। यह पुस्तक न सिर्फ शिक्षकों, बल्कि छात्रों व आम लोगों के लिए भी उपयोगी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से देश को बहुत सारी उम्मीदें हैं।
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