
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शनिवार को अपने आधिकारिक पेज पर ITकुशल युवाओं को निशाना बनाने वाले फर्जी जॉब रैकेट को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। कुछ दिनों पहले म्यांमार में फंसे भारतीयों का एक वीडियो सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है।
विदेश मंत्रालय की सलाह की शुरुआत कॉल सेंटर घोटाले और क्रिप्टो-मुद्रा धोखाधड़ी में शामिल संदिग्ध ITफर्मों द्वारा थाईलैंड में 'डिजिटल बिक्री और विपणन अधिकारियों' के पदों के लिए भारतीय युवाओं को लुभाने के लिए आकर्षक नौकरियों की पेशकश करने वाले फर्जी नौकरी रैकेट के उदाहरणों से हुई। विदेश मंत्रालय ने परामर्श में कहा, "लक्षित समूह ITकुशल युवा हैं, जिन्हें सोशल मीडिया विज्ञापनों के साथ-साथ दुबई और भारत स्थित एजेंटों के माध्यम से थाईलैंड में आकर्षक डेटा प्रविष्टि नौकरियों के नाम पर ठगा जाता है।
आपको बता दे कि,ये एडवाइजरी ऐसे मौके पर जारी की गई है, जब संदिग्ध IT Companies द्वारा 100 से ज्यादा लोगों को नौकरी का झांसा देकर Myanmar में ले जाया गया। अधिकारियों ने अब तक 32 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बचाया है। इन लोगों को शानदार आईटी नौकरियां दिलाने के बहाने म्यांमार के एक दूरदराज के हिस्से में ले जाया गया था। वहीं, भारत अभी थाईलैंड और म्यांमार के साथ उसी क्षेत्र में फंसे 60 अन्य लोगों की मदद करने के लिए काम कर रहा है।
सरकार ने क्या चेतावनी दी?
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, ‘बैंकॉक और म्यांमार में मौजूद हमारे मिशन के संज्ञान में आया है कि नकली जॉब रैकेट भारतीय युवाओं को थाईलैंड में डिजिटल सेल्स एंड मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव के पदों पर नियुक्ति के लिए आकर्षक जॉब ऑफर कर रहे हैं। ये जॉब फर्जी कॉल सेंटर और क्रिप्टो-करेंसी फ्रॉड में शामिल रहीं संदिग्ध आईटी फर्मों द्वारा ऑफर किए जा रहे हैं।’ बयान में आगे कहा गया, ‘आईटी स्किल्ड युवाओं को टारगेट किया जा रहा है। उन्हें सोशल मीडिया एड्स के साथ-साथ दुबई और भारत स्थित एजेंटों द्वारा थाईलैंड में आकर्षक डेटा एंट्री नौकरियों के नाम पर ठगा जा रहा है।’
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