
निकोसिया: इन दिनों विदेश मंत्री एस जयशंकर 29 से 31 दिसंबर तक साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वहीं उन्होंने साइप्रस मुद्दे के समाधान के तौर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर आधारित द्वि-साम्प्रदायिक, द्वि-क्षेत्रीय संघ की ओर भारत की प्रतिबद्धता गुरुवार को दोहरायी था। इस बीच फिर जयशंकर का निकोसिया से बयान सामने आया हैं।
व्यावसायिक कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का दबदबा बढ़ता जा रहा है। मोदी सरकार की आर्थिक दृष्टि से संचालित व्यापार नीतियों और सुधारों ने भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सबसे मजबूत स्थलों में से एक बनने में योगदान दिया। जयशंकर में कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनाना और 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना है।
इससे पहले जयशंकर ने कहा था कि भारत साइप्रस मुद्दे के समाधान के तौर पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों पर आधारित द्वि-साम्प्रदायिक, द्वि-क्षेत्रीय संघ की ओर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है। वहीं, कासोउलिडेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून के संबंध में साइप्रस की एक व्यवहार्य तथा व्यापक समझौते पर पहुंचने का समर्थन करने के लिए भारत का आभार जताया। उन्होंने कहा, जैसा कि हमने भारत के मामले में देखा है, देश का विभाजन एक खतरनाक यात्रा की शुरुआत थी और निश्चित तौर पर अंत नहीं था इसलिए साइप्रस तथा उसके लोगों के लिए दो राज्य के समाधान को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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