
Fatty Liver: आज के समय में लोग अपने कामों ने इतने बिजी हो गए है कि उन्हें खुद के लिए भी समय नहीं मिल पाता। जिसके चलते एक अच्छी, हेल्दी और फिट लाइफस्टाइल की बजाए खराब लाइफस्टाइल को अपनाने के लिए मजबूर हो गए है। बाहर का जंक-फूड, ज्यादा मिर्च-मसाले या घी-तेल वाला खाना से लोगों को तरह-तरह की बीमारियां होने लगती है। जैसे लिवर, किडनी का खराब होना, मोटापा बढ़ना आदि जैसा समस्या हो सकता है।
हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक लिवर भी है। जो 500 से ज़्यादा ज़रूरी काम करता है। इनमें रक्तप्रवाह से अपशिष्ट उत्पादों और विदेशी पदार्थों को निकालना, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना और ज़रूरी पोषक तत्व बनाना शामिल है। इसलिए इसकी देखरेख बहूत जरूरी है। अगर लिवर का ध्यान न रखा जाए तो इसकी वजह से फैटी लीवर का भी खतरा बढ़ जाता है।
फैटी लीवर की बीमारी क्या है?
फैटी लीवर तब होता है जब आपके लीवर में बहुत ज़्यादा चर्बी जमा हो जाती है। खास तौर पर उन लोगों में जिन्हें मधुमेह है और जिनका वजन ज़्यादा है। यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। अपनी जीवनशैली में बदलाव करना इस स्थिति को रोकने और सुधारने के लिए महत्वपूर्ण है।
कैसे होता है फैटी लीवर की बीमारी?
स्वस्थ लिवर में बहुत कम या कहे तो बिलकुल भी वसा नहीं होती। अगर आप बहुत ज़्यादा शराब पीते हैं या बहुत ज़्यादा खाना खाते हैं, तो आपका शरीर इस अतिरिक्त कैलोरी को वसा में बदलकर उससे निपटता है। यही वसा फिर लिवर की कोशिकाओं में जमा हो जाती है। जब वसा आपके यकृत के कुल भार का 5% से 10% से अधिक हो जाता है, तो आपको फैटी लिवर की समस्या होती है। वैसे देखा जाए तो फैटी लिवर की समस्या आम होती जा रही है। क्योंकि लोग बहुत ज़्यादा चीनी और अतिरिक्त वसा का सेवन कर रहे है।
फैटी लीवर की बीमारी लक्षण
आमतौर पर फैटी लिवर रोग के कोई लक्षण दिखते तो नहीं है। लेकिन, कुछ लोगों को थकान या सामान्य रूप से अस्वस्थ महसूस होना, उनके पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द महसूस होता है। इसके अलावा अधिक गंभीर फैटी लीवर रोग में पीली आंखें और त्वचा (पीलिया), गहरे रंग का मूत्र, सूजा हुआ पेट, खून की उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते है।
फैटी लीवर की बीमारी का कारण
आम सामान्य कारण:मोटापा या अधिक वजन होना, खासकर पेट के आसपास, टाइप 2 मधुमेह या इंसुलिन प्रतिरोध होना, उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल या उच्च ट्राइग्लिसराइड्स होना, बहुत अधिक शराब पीना आदि फैटी लीवर के सबसे आम कारणों में से एक है।
कम सामान्य कारण: कम सक्रिय थायरॉयड, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) होना, आदि फैटी लीवर के कम सामान्य कारणों में से एक है।
फैटी लीवर की बीमारी के प्रकार
फैटी लिवर रोग के 2 मुख्य प्रकार हैं।
फैटी लीवर की बीमारी का इलाज
फैटी लीवर रोग के इलाज के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है। लेकिन बावजूद इसके इस बीमारी को खत्म किया जा सकता है। इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली, अपने डेली रूटीन में कुछ बदलाव करने पड़ंगे। इन बदलावों को अपनाने से आपकी स्थिति में सुधार हो सकता है।
इसके लिए स्वस्थ आहार का पालन कर चीनी से बचें। वजन कम करें, नियमित रूप से व्यायाम करें, अपने रक्त शर्करा को नियंत्रित करें, यदि आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल है तो उसका उपचार करें, ऐसी दवाइयों से बचें जो आपके लीवर को प्रभावित कर सकती हैं, शराब न पिए और धूम्रपान छोड़ दें।
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